Fight In KK Hospital Aligarh : तीमारदाराेें सेे मारपीट प्रकरण में कार्रवाई न होने पर आंदोलन करेगी क्षत्रिय महासभा

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने केके हास्पिटल खिलाफ मोर्चा खोला। रामघाट रोड पर एडीए के सामने तीन घंटे जाम लगाया। उनका आरोप था कि मरीज और तीमारदार के साथ हास्पिटल में खूब जमकर मारपीट की गई है बिल बढ़ाकर बना दिया गया।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 10:49 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 10:49 AM (IST)
Fight In KK Hospital Aligarh : तीमारदाराेें सेे मारपीट प्रकरण में  कार्रवाई न होने पर आंदोलन करेगी क्षत्रिय महासभा
मरीज और तीमारदार के साथ हास्पिटल में खूब जमकर मारपीट की गई है ।

अलीगढ़, जेएनएन।  अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने केके हास्पिटल खिलाफ मोर्चा खोला। रामघाट रोड पर एडीए के सामने तीन घंटे जाम लगाया। उनका आरोप था कि मरीज और तीमारदार के साथ हास्पिटल में खूब जमकर मारपीट की गई है, बिल बढ़ाकर बना दिया गया। महासभा के जिलाध्यक्ष डा. शैलेंद्र पाल सिंह ने आरोप लगाया कि 35000 हजार रुपये में पूरा इलाज तय था। मगर, बिल 2.50 लाख रुपये का बढ़ाकर पकड़ा दिया गया। इसके बाद भी मरीज के परिवार के साथ मारपीट कर दी गई। डाक्टर और प्रशासन के दबाव में पीड़ित पक्ष के चार लोगों को जेल भेज दिया गया, यह कहां का न्याय है। 

पीड़ित पक्ष पर बनाया दवाब 

युवा जिलाध्यक्ष विवेक चौहान ने कहा कि केके हास्पिटल एवं उसके स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो पूरे जिले में आंदोलन करेंगे। प्रदेश महासचिव डा. राजेश चौहान, महानगर अध्यक्ष नेम सिंह सोलंकी, श्रीपाल चौहान, जैकी ठाकुर, सौरभ पंडित, गोविंद सिंह, सौरभ तोमर, श्रीपाल चौहान, तरुण चौहान, सौरभ सिंह, चंद्रपाल सिंह चौहान, सुनील चौहान, संतोष सिंह चौहान, सौरभ शर्मा, प्रदीप शर्मा, दलवीर सिंह चौहान, संदीप चौहान, गुलेश तोमर आदि थे।

 डा. केके वार्ष्णेय समेत 26 लोगों पर मुकदमा, जाम लगाने की अलग एफआइआर

केके हास्पिटल में मारपीट के प्रकरण में पुलिस ने शनिवार को दो मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें पहला मुकदमा तीमारदार की तहरीर पर डा. केके वार्ष्णेय समेत 26 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ है। जबकि सड़क जाम करने पर डाक्टरों के खिलाफ अलग से एफआइआर दर्ज की गई है। बुलंदशहर के खुर्जा के उस्मापुर निवासी वीरेंद्र ने मुकदमा दर्ज कराया है। कहा है कि बेटी रजनी को डिलीवरी के लिए केके हास्पिटल में भर्ती कराया था। डा. सागर वार्ष्णेय ने डिस्चार्ज होने तक 35 हजार रुपये बताए थे। लेकिन, ढाई लाख ले लिए गए। शुक्रवार शाम को दामाद नरेंद्र ने डाक्टर से कहा कि पत्नी को आराम नहीं हो रहा है। इस पर डाक्टर आग-बबूला हुए। अन्य डाक्टर, बाउंसर व स्टाफ ने मारपीट शुरू कर दी। इसमें नरेंद्र, अर्जुन, दीपक, सुमित व अमित के चोटें आई हैं। डाक्टर व बाउंसर के पास पिस्टल थी। स्टाफ के हाथों में लोहे की राड थीं। रजनी को बीमारी हालत में निकाल दिया। डा. सागर ने पिस्टल दिखाकर अतिरिक्त पैसे की मांग की थी। जान से मारने की धमकी दी थी। इस आधार पर पुलिस ने डा. केके वार्ष्णेय, सागर वार्ष्णेय, अभिषेक वार्ष्णेय, स्वाति वार्ष्णेय, बाउंसर हरेंद्र, प्रदीप, अन्य बाउंसर, स्टाफ के साथ 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट समेत गंभीर धाराअों में मुकदमा दर्ज किया है।

14 नामजद व 15 अज्ञात पर मुकदमा

पुलिस ने रोड जाम करने पर 14 नामजद व 15 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। इसमें डा. भरत वार्ष्णेय, नीरज गर्ग, अभिषेक, नितिन, मुकुल वार्ष्णेय, पवन वार्ष्णेय, विपिन गुप्ता, सीपी गुप्ता, अनूप, जीपी वार्ष्णेय, शैलेश गुप्ता, उमाशंकर, केके वार्ष्णेय, सागर वार्ष्णेय व 10-15 अज्ञात महिला-पुरुष के खिलाफ धारा 188, 269, माहामारी अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस वीडियो के आधार पर इन्हें चिह्नित भी कर रही है।

अस्पताल के अंदर का वीडियो वायरल

घटना के दूसरे दिन अस्पताल के अंदर का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें डाक्टर व तीमारदारों में मारपीट हो रही है। ये भी पता चल रहा है कि शुरूआत किसने की थी। पुलिस के सामने ही मारपीट होती दिख रही है। एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि अन्य वीडियो भी खंगाले जा रहे हैं। 

इंस्पेक्टर क्वार्सी को आज सम्मानित करेंगे छात्र

छात्रनेता अमित गोस्वामी ने कहा है कि वायरल हो रही मारपीट की वीडियो से स्पष्ट है कि गलती किसकी है। निलंबित किए गए सिपाही को बहाल किया जाए। इंस्पेक्टर क्वार्सी को रविवार को छात्र सम्मानित करेंगे। 

 सीजेरियन डिलीवरी के बाद जुड़वा बच्चा पैदा हुए। महिला की तबीयत बिगड़ने पर उसे पहले आइसीयू में लिया गया और फिर वेंटीलेटर पर। फिर वेंटीलेटर भी हटा दिया गया। महिला व परिवार के लोग काफी खुश थे, मगर डिस्चार्ज के दौरान बिल को देखकर भड़क गए। मेरे व स्टाफ के साथ मारपीट की। पुलिस द्वारा हमारे खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की जानकारी नहीं हैं। ऐसा हुआ है तो गलत कार्रवाई है।

- डा. सागर वार्ष्णेय, केके हास्पिटल।

chat bot
आपका साथी