आत्मनिर्भर बन हक के लिए लड़ें महिलाएं Aligarh news
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनकर अपने हक के लिए लड़ना होगा तभी समाज में उचित स्थान मिल सकेगा। अन्याय के खिलाफ खड़े होना गलत नहीं है अन्याय सहना गलत है। उत्पीड़न का शिकार वही महिलाएं होती हैं जो अन्याय सहती हैं।
अलीगढ़, जेएनएन : महिलाओं को आत्मनिर्भर बनकर अपने हक के लिए लड़ना होगा, तभी समाज में उचित स्थान मिल सकेगा। अन्याय के खिलाफ खड़े होना गलत नहीं है, अन्याय सहना गलत है। उत्पीड़न का शिकार वही महिलाएं होती हैं, जो अन्याय सहती हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस पर ये बातें भारतीय महिला एवं बाल विकास सुधार समिति की अध्यक्ष मरियम फातिमा ने कहीं।
विश्वभर में लगभग डेढ़ करोड़ लड़कियां उत्पीड़न का शिकार
मॉडर्न उर्दू शिक्षा समिति के सहयोग से भुजपुरा स्थित एसके इंटर कॉलज में आयोजित गोष्ठी में उन्होंने बताया कि विश्वभर में हर साल लगभग डेढ़ करोड़ लड़कियां उत्पीड़न का शिकार होती हैं। समाज में कभी दहेज के लिए उनका उत्पीड़न होता है, तो भी कभी घरेलू हिंसा का शिकार बनती है। छेड़छाड़, दुष्कर्म जैसी घटनाओं का भी सामना करना पड़ता है। इन सबको रोकने के लिए उन्हें जागरुक होना होगा। महिलाओं पर हो रही हिंसा को रोकने के लिए हर साल 25 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महिला हिंसा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 2008 से अभियान चला रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समिति के प्रदेश महामंत्री बाबा फरीद आजाद ने कार्यक्रम में भाग लेने वाली महिला, युवतियाें को सम्मानित किया। उन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन अधिक से अधिक होने चाहिए, तभी इसका उद्देश्य पूरा हो सकेगा। मरियम फातमा ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने व खुद की सुरक्षा करने संबंधी जानकारी दी गईं। निश्शुल्क सिलाई, कढ़ाई, मेहंदी, ब्यूटीशियन, कुकिंग, पेंटिंग आदि कोर्स कराए शुरू कराए गए। कार्यक्रम में शामिल सभी महिलाओं का उन्होंने अाभार व्यक्त किया। समिति की ओर से आगे भी इस तरह के आयोजन कराने को कहा। इस अवसर पर अनम, अलाउद्दीन, गुड़िया, मंतशा, साबरी, नेहा कुमारी, संगीता, अनम, अजीज, अरीन, इकरा, कफील, सानिया, आलिया, आलीमा, सफिया, इकरा, सिमरन, अल्फिया, अफशा, शिफा, सोफिया, अल्फिशा, सायमा, सलमा, फरीन, नेहा, आदि मौजूद रहीं।