शुल्‍क माफ, अब मुफ्त बनेगा आयुष्मान गोल्डन कार्ड, जानिए कैसे Aligarh news

आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाने के लिए सरकार गंभीर है। इसके लिए लाभार्थियों को एक और राहत दी गई है। सरकार ने गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए ली जाने वाली 30 रुपये की शुल्क माफ कर दी है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 08:43 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 08:43 AM (IST)
शुल्‍क माफ, अब मुफ्त बनेगा आयुष्मान गोल्डन कार्ड, जानिए कैसे Aligarh news
सरकार ने गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए ली जाने वाली 30 रुपये की शुल्क माफ कर दी है।

अलीगढ़, जेएनएन : आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाने के लिए सरकार गंभीर है। इसके लिए लाभार्थियों को एक और राहत दी गई है। सरकार ने गोल्डन कार्ड बनवाने के  लिए ली जाने वाली 30 रुपये की शुल्क माफ कर दी है। पैनल में शामिल सरकारी व निजी अस्पताल, कामन सर्विंस सेटर व निजी एजेंसी के काउंटरों पर भी अब गोल्डन कार्ड मुफ्त बनाए जाएंगे। सरकार ने अंतिम लाभार्थी परिवार तक शिविर व डोर-टू-डोर अभियान चलाने के निर्देश भी दिए हैं।  

56वें स्थान पर अलीगढ़ 

25 सितंबर 2018 से शुरू हुई आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गरीब परिवारों को साल में पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का प्राविधान है। इसमें आर्थिक व सामाजिक गणना -2011 की सूची में शामिल 01 लाख 48 हजार 436 ग्रामीण व 84 हजार 77 शहरी लाभार्थियों को चयनित किया गया। इन्हीं लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए जाने हैं, लेकिन इस सूची में शामिल न होने के कारण काफी लाभार्थी वंचित रह गए। ऐसे में आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत ऐसे करीब 9818 गरीबों को योजना में शामिल किया गया। जिले में स्थिति अच्छी नहीं है। 2.42 लाख परिवारों के सापेक्ष करीब 73 हजार परिवारों के ही गोल्डन कार्ड बन पाए हैं। गोल्डन कार्ड बनाने में अलीगढ़ 56वें स्थान पर है। 

मुफ्त बनेगा गोल्डन कार्ड, आएगी तेजी 

सरकार का मानना है कि 30 रुपये शुल्क के चलते काफी लाभार्थी गोल्डन कार्ड बनवाने नहीं पहुंचते। अब यह शुल्क खत्म कर दी गई है। लाभार्थी कहीं भी गोल्डन कार्ड बनवाएं, कोई शुल्क नहीं लगेगा। गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए पैनल में शामिल सभी सरकारी व निजी अस्पतालों के अलावा, कामन सर्विस सेंटरों पर भी गोल्डन कार्ड मुफ्त बनाए जाएंगे। सरकार कामन सर्विस सेंटर संचालकों को 20 रुपये का भुगतान करेगी। इसके अलावा सरकार ने एक निजी संस्था यूटीआई को अलग से जिम्मा सौंपा है। यह संस्था भी सरकारी अस्पतालों व अन्य स्थानों पर अपने काउंटर लगा रही है। ऐसे में जल्द ही इसके नतीजे सामने आने लगेंगे।  

इनका कहना है 

जिन लाभार्थियों ने अभी तक गोल्डन कार्ड नहीं बनवाया है। वह संबंधित अस्पतालों व कामन सर्विंस सेटरों पर जाकर गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं। इसके लिए उनसे कोई शुल्क नहीं ली जाएगी। 

- डा. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ।

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