अलीगढ़ में रेलवे ट्रैक पर उतरे किसान नेता, नारेबाजी

अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर यात्री बनकर पहुंचे भाकियू के पदाधिकारी कार्यकर्ता के साथ जिलाध्यक्ष बैठे ट्रैक पर रेलवे पुलिस ने हटाया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 12:50 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 12:50 AM (IST)
अलीगढ़ में रेलवे ट्रैक पर उतरे किसान नेता, नारेबाजी
अलीगढ़ में रेलवे ट्रैक पर उतरे किसान नेता, नारेबाजी

जासं, अलीगढ़ : कृषि कानून व लखीमपुर खीरी प्रकरण के विरोध में सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा का रेल रोको आंदोलन बेअसर रहा। किसी भी स्टेशन पर रेल नहीं रोकी गई। अलीगढ़ स्टेशन पर भाकियू (स्वराज) के दो पदाधिकारियों ने रेलवे ट्रैक पर आकर कुछ देर नारेबाजी जरूर की, लेकिन इन्हें तत्काल हटा दिया गया। बाकी स्थानों किसान नेताओं का आंदोलन ज्ञापन देने तक सीमित रहा। पुलिस ने कई किसानों को उनके आवासों पर ही नजरबंद कर लिया था। मोर्चा के रेल रोको आंदोलन को देखते हुए अलीगढ़ व सोमना रेलवे स्टेशन छावनी में तब्दील था। अलीगढ़ स्टेशन पर सुबह से एसीएम द्वितीय बी अंजुम, सीओ सिविल लाइन श्वेताभ पांडेय, आरपीएफ इंस्पेक्टर सीएस तोमर, जीआरपी एसओ अरविद भारद्वाज कई थानों की पुलिस के साथ मुस्तैद रहे। स्टेशन के बाहर बैरिकेडिग की गई। दोपहर करीब 12:30 बजे भाकियू (स्वराज) के आठ-दस पदाधिकारी नारेबाजी करते हुए स्टेशन पहुंच गए। जिलाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा कुछ पदाधिकारियों के साथ यात्री बनकर पहले ही स्टेशन के अंदर आ चुके थे। जिलाध्यक्ष ने सिर व हाथ में पट्टी बांध रखी थी, जिससे मरीज लगें। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी नारेबाजी करते स्टेशन पर पहुंचे किसान नेताओं से बातचीत कर रहे थे, तभी जिलाध्यक्ष एक कार्यकर्ता के साथ प्लेटफार्म दो पर पहुंचकर ट्रैक पर उतर गए। फिर ट्रैक पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। रेलवे पुलिस ने दोनों को हटाया। अन्य किसान नेता भी स्टेशन के अंदर आ गए और नारेबाजी करने लगे। जिलाध्यक्ष ने राष्ट्रपति को संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन एसीएम व सीओ को सौंपा। आरपीएफ इंस्पेक्टर सीएस तोमर ने बताया कि कुछ किसान नेता पटरी तक पहुंच गए थे। इससे किसी तरह का रेल यातायात बाधित नहीं हुआ। दोनों किसान नेताओं को तत्काल बाहर कर दिया गया था। सोमना स्टेशन पर कड़ी सुरक्षा के चलते किसान रेल रोकने नहीं पहुंच सके।

नजरबंद किए किसान नेता: पिसावा में पुलिस ने ज्यादातर किसान नेताओं को रविवार देरशाम ही उनके आवासों पर नजरबंद कर लिया था। इसकी भनक लगते ही भाकियू के जिलाध्यक्ष ओपी कमांडो प्रेमपुर में किसान के घर रुक गए। इंस्पेक्टर खैर प्रवेश कुमार पुलिस के साथ प्रेमपुर पहुंचे और जिलाध्यक्ष को हिरासत में ले लिया। किसान नेताओं ने कार्रवाई का विरोध किया। गांव में पंचायत कर रणनीति बनाई जाने लगी। पुलिस अधिकारियों ने किसान नेताओं को समझा बुझाकर शांत कराया। किसान नेता सोमना स्टेशन पर रेल रोकने की जिद पर अड़े थे। गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हो गए। जिलाध्यक्ष ने गिरफ्तारी देने की मांग की। खैर पुलिस ने उन्हें साथ ले गई। बाद में छोड़ दिया। गांव कृपालगढ़ी में रोबिन चौधरी, गांव डेटा खुर्द में वीरकरण सिंह, गुलजार सिंह बापू को भी पुलिस ने नजरबंद किया था। किसान नेताओं ने एसडीएम गभाना प्रवीण यादव को ज्ञापन देकर कृषि कानूनों की वापसी, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी व बारिश से फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग की।

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