दिल्ली उपद्रव को साजिश बता रहे किसान नेता, बोले- किसानों की भीड़ में शामिल अराजक तत्वों ने उपद्रव किया Aligarh News

तीन दिन पहले भी कुछ किसान नेता दिल्ली रवाना हुए थे। किसान नेताओं का कहना है कि दिल्ली के रास्ते में किसानों को रोकने के प्रशासन ने प्रयास किए थे लेकिन किसानों ने कानून हाथ में नहीं लिया। अन्य मार्गों से होकर धरनास्थल पर पहुंच गए।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 08:10 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 08:10 AM (IST)
दिल्ली उपद्रव को साजिश बता रहे किसान नेता, बोले- किसानों की भीड़ में शामिल अराजक तत्वों ने उपद्रव किया Aligarh News
तीन दिन पहले भी कुछ किसान नेता दिल्ली रवाना हुए थे।

अलीगढ़, जेएनएन। दिल्ली में हुए उपद्रव की राजनैतिक दलों के अलावा किसान संगठन भी निंदा कर रहे हैं। राजनैतिक दल जहां इसे सरकार की विफलता बता रहे हैं, वहीं किसान संगठनों ने इसे साजिश करार दिया है। किसान संयुक्त मोर्चा, भाकियू हरपाल व भानु गुट के नेताओं ने कहा कि किसानों की भीड़ में शामिल अराजक तत्वों ने उपद्रव किया है। किसान तो सरकार से अपनी मांग पूरी कराना चाहते हैं। इसके लिए वे कानून को हाथ में नहीं लेंगे। अलीगढ़ से तमाम किसान और विभिन्न संगठनों के नेता चिल्ला बार्डर पर धरने में शामिल हैं। तीन दिन पहले भी कुछ किसान नेता दिल्ली रवाना हुए थे। किसान नेताओं का कहना है कि दिल्ली के रास्ते में किसानों को रोकने के प्रशासन ने प्रयास किए थे, लेकिन किसानों ने कानून हाथ में नहीं लिया। अन्य मार्गों से होकर धरनास्थल पर पहुंच गए।

दिल्ली में उपद्रव से किसान संयुक्त मोर्चा का कुछ लेना देना नहीं है। ये साजिशन हुआ है, इसमें सरकार की नाकामी है। अराजक तत्वों को चिह्नति किया जाना चाहिए।

शशिकांत संयोजक, किसान संयुक्त मोर्चा

किसान सरकार से अपनी मांग पूरी कराना चाहता है, इसके लिए वह उपद्रव क्यों करेगा। ऐसा करना ही होता तो 60 दिन से शांतिपूर्ण धरना नहीं दे रहा होता।

चौ. हरपाल सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष, भाकियू (हरपाल गुट)

यह सही है कि दिल्ली में साजिशन उपद्रव हुआ है। एक व्यक्ति की पहचान हुई है, जो भाजपा के बड़े नेताओं के साथ देखा गया था। उपद्रव में किसान संगठनों की कोई भूमिका नहीं है।

बबलू प्रधान जिलाध्यक्ष भाकियू (भानु गुट)

जनाक्रोश का परिणाम दिल्ली उपद्रव: बिजेंद्र

अलीगढ़ : पूर्व सांसद व सपा नेता चौ. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि दिल्ली उपद्रव जनाक्रोश का परिणाम है, जिसे रोकने मेंं केंद्र सरकार पूरी तरह विफल रही। ट्रैक्टरों में सवार लाखों किसानों को अनुमति क्यों दी गई। भीड़ को रोकने के इंतजाम भी नहीं किए। 60 दिन से खुले आसमान के नीचे किसान धरना दे रहे हैं। सरकार उनकी सुन नहीं रही। ऐसे में उनका आक्रोशित होना स्वाभाविक था। पूर्व सांसद ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाना भी जनाक्रोश का परिणाम था। तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी ने तब कहा था कि हम भीड़ को नहीं रोक पाएंगे। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी, चौ. चरण सिंह को भी भीड़ का कोपभाजन बनना पड़ा था। लेकिन उन्होंने जनता से प्रतिशोध नहीं लिया। दिल्ली की घटना में किसान संगठन दोषी नहीं हैं। लाल किले पर किसी किसान ने राष्ट्रीय ध्वज को छुआ तक नहीं। ध्वज के नीचे अपना झंडा लगाया था।

दिल्ली में जो अराजकता हुई है, वह बेहद शर्मनाक है। किसान हमेशा शांति के प्रतीक होते हैं। कृषि कानून वापस की आड़ में केंद्र सरकार को जबरन झुकने के लिए बेवस किया जा रहा है। सरकार सख्ती से काम ले। ताकि देश के अन्नदाताओं को बदनाम करने से बचाया जा सके।

- प्रदीप सिंघल, उद्योगपति

दिल्ली में जो हुआ बहुत ही गलत हुआ, ये सब किसानों को बदनाम करने व किसान आंदोलन को कुचलने की साजिश ते तहत हुआ है, इसमें केंद्र सरकार की साजिश है। अब मोदी सरकार तुरंत ये किसान विरोधी काले कानून वापस ले। 

- डा. रतन दीप सिंह, जिलाध्यक्ष, बसपा

दिल्ली में अराजकता फैलाने वाले किसान नहीं है। केंद्र सरकार ने एक बड़ी साजिश रची थी, ताकि किसानों को अरजकता व दंगाई घोषित कर देश से सहानुभूति हो सके। इंटरनेट व न्यूज चैनलों ने ही इस साजिश का खुलासा किया है। 

- चौ. सुरेंद्र सिंह बालियान, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस 

chat bot
आपका साथी