अलीगढ़ में फाइलो में कैद योजना, सेंटर प्वाइंट से न निकल सकी स्मार्ट रोड Aligarh news

सेंटर प्वाइंट चौराहे से स्मार्ट रोड निकालने की योजना फाइलों में ही कैद होकर रह गई। जबकि इसका प्रस्ताव पास हो चुका था। चौराहे से केला नगर तक मैरिस रोड को स्मार्ट रोड बनाया जाना था। स्थानीय व्यापारियों ने भी सहमति दे दी।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Thu, 29 Apr 2021 08:42 AM (IST) Updated:Thu, 29 Apr 2021 08:42 AM (IST)
अलीगढ़ में फाइलो में कैद योजना, सेंटर प्वाइंट से न निकल सकी स्मार्ट रोड Aligarh news
सेंटर प्वाइंट चौराहे से स्मार्ट रोड निकालने की योजना फाइलों में ही कैद होकर रह गई।

अलीगढ़, जेएनएन । सेंटर प्वाइंट चौराहे से स्मार्ट रोड निकालने की योजना फाइलों में ही कैद होकर रह गई। जबकि, इसका प्रस्ताव पास हो चुका था। चौराहे से केला नगर तक मैरिस रोड को स्मार्ट रोड बनाया जाना था। स्थानीय व्यापारियों ने भी सहमति दे दी। उन्हें सहूलियतें देने का भरोसा दिलाया गया, लेकिन कुछ हुआ नहीं। स्मार्ट रोड के लिए मैरिस रोड के स्थान पर एएमयू सर्किल से घंटाघर तक मार्ग को चुना गया। फिर इसी मार्ग पर काम शुरू करा दिया। ऐसे और भी वायदे व्यापारियों से किए गए थे, जिन पर अधिकारी खरे न उतर सके। 

बढ़ता जा रहा व्‍यापारियों का इंतजार

सेंटर प्वाइंट मार्केट को कनाट प्लेस बनाने का जाे ख्वाब निगम अधिकारियों ने व्यापारियों को दिखाया था, वो दो साल बाद भी पूरा न हो सका। बीते साल सुंदरीकरण का काम शुरू हुआ, लेकिन रफ्तार धीमी रही। जबकि, केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इस मार्केट के सुंदरीकरण की योजना बनाई गई थी। चौराहे पर आई लैंड, चारों मार्गों पर फुटपाथ, रैलिंग, अंडरग्राउंड बिजली, लाइटिंग, डिवाइड के अलावा स्मार्ट रोड का भी खाका खींचा गया था। सड़कें चौड़ी करने के लिए दुकानों का अगला हिस्सा ध्वस्त करा दिया गया। व्यापारियों ने यह सोचकर धैर्य बनाए रखा कि जो हिस्सा बचा है उसी में व्यापार कर लेंगे। मार्केट स्मार्ट होगा तो ग्राहक भी आएंगे, व्यापार बढ़ेगा। इसी उम्मीद पर व्यापारी मार्केट के स्मार्ट होने का इंतजार करते रहे, लेकिन ये इंतजार लंबा होता गया। समद रोड, मैरिस रोड और एसबीआइ रोड पर फुटपाथ बन चुके हैं, लेकिन रेलवे स्टेशन रोड का एक हिस्सा खाली है। यहां नाला निकालना है, जिसकी तैयारी तक नहीं हो सकी। 25 करोड़ की लागत से स्मार्ट रोड बनाने का अफसरों ने प्रस्ताव तैयार किया था। जिसे रद कर दिया गया। वाहन पार्किंग को लेकर निगम अधिकारी कोई ठोस रणनीति नहीं बना सके हैं। जगह-जगह कूड़ेदान रखने थे, नाले कवर करने की योजना भी थी, जो अधूरी है। व्यापारियों ने भी कहना सुनना बंद कर दिया है।
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