26/11 anniversary anniversary : नीतेश की याद में आंखे भर आती हैं परिवार की, हर साल टीस देता है 26 नवंबर, जानिए पूरा मामला

26 नवंबर का दिन जब आता है तब नीतेश की याद आ जाती है। इस दिन मुंबई में आंतकी हमले में सीने में गोली लगने से उसकी मौत हो गई थी। भले ही नीतेश इस दुनिया में नहीं है लेकिन उसकी यादें आज भी हरी हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 05:03 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 05:03 PM (IST)
26/11 anniversary anniversary  : नीतेश की याद में आंखे भर आती हैं परिवार की, हर साल टीस देता है 26 नवंबर, जानिए पूरा मामला
हाथरस के गांव चंदपा में भतीजे नीतेश की तस्वीर लिए चाचा कालीचरण।

हाथरस, जागरण संवाददाता। 26 नवंबर का दिन जब आता है तब नीतेश की याद आ जाती है। इस दिन मुंबई में आंतकी हमले में सीने में गोली लगने से उसकी मौत हो गई थी। भले ही नीतेश इस दुनिया में नहीं है लेकिन उसकी यादें आज भी हरी हैं। उनके बाबा ने याद में लगाया चंपा का पौधा आज भी हरा है।

नीतेश के पिता इंडियन नेवी में थे 

गांव चंदपा निवासी नीतेश के चाचा कालीचरण बताते हैं कि नीतेश के पिता विजय कुमार शर्मा इंडियन नेवी में थे। नीतेश कुमार दो भाई व दो बहन हैं। बड़ा भाई विक्रम जब पांच साल का था तब उसका अपहरण हो गया था। उसका आज तक पता नहीं चला। जिस दिन घटना हुई उस समय नीतेश 16 वर्ष का था। नीतेश अपने पिता विजय कुमार शर्मा व अपनी मां को ट्रेन में बैठाने मुंबई स्थित बीटी स्टेशन आया था। जब वह स्टेशन से लौट रहा था। उस समय अचानक आतंकी हमला हो गया। आतंकी हमले में एक गोली नीतेश कुमार के सीने में लगी। गोली लगने से उसकी मौत हो गई थी। इसकी सूचना मिलते ही घर और गांव में शोक की लहर दौड़ गई थी। नीतेश की मौत का दुख आज भी है। बाबा धनपाल ने नाती की याद में घर में एक चंपा का पौधा लगाया था। बाबा धनपाल का निधन हो गया लेकिन वह पौधा आज भी हरा भरा है। पौधा देखकर नीतेश की याद आ जाती है।

हर साल टीस देता है 26 नवंबर

चाचा कालीचरण ने बताया कि दो साल पहले नीतेश के पिता सेवानिवृत्त हो गए हैं। नीतेश की दो बहनों में एक बहन हेमा शर्मा मुंबई में रेलवे अफसर है जबकि दूसरी बहन नीरा शर्मा मुंबई में एक्सिस बैंक में मैनेजर है। नीतेश के चाचा बताते हैं कि जब 26/11 का दिन हर बार दिल में टीस देता है। नीतेश की याद में लगाया पौधा अब बड़ा हो गया है। शुक्रवार को उसी के पास नीतेश का छवि चित्र रखकर याद किया। भतीजे को याद करते हुए चाचा की आंखों में आंसू झलक आए थे।

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