महापौर की हिदायत पर भी कब्रिस्तान में दुरुस्त नहीं हुईं व्यवस्थाएं, जानिए मामला Aligarh news

अलीगढ़ जागरण संवाददाता। नगर निगम की लापरवाही के किस्से तो बहुत हैं अब नाफरमानी की शिकायतें भी होने लगी हैं। शाहजमाल कब्रिस्तान की दशा सुधारने के लिए महापौर मोहम्मद फुरकान ने नगर निगम अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए थे।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 05:13 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 05:44 PM (IST)
महापौर की हिदायत पर भी कब्रिस्तान में दुरुस्त नहीं हुईं व्यवस्थाएं, जानिए मामला Aligarh news
कब्रिस्तान की देखभाल कर रही समिति के पदाधिकारियों द्वारा कई बार शिकायतें हो चुकी हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  नगर निगम की लापरवाही के किस्से तो बहुत हैं, अब नाफरमानी की शिकायतें भी होने लगी हैं। शाहजमाल कब्रिस्तान की दशा सुधारने के लिए महापौर मोहम्मद फुरकान ने नगर निगम अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए थे। कब्रिस्तान में जलभराव न हो, छुट्टा पशु अंदर प्रवेश न कर पाएं, बिजली-पानी के मुकम्मल इंतजाम के लिए कहा गया था। लेकिन, इनमें कोई काम नहीं किया जा सका। तीन पाेल लगाकर एलईडी लाइट जरूर लगवा दी गई हैं। बारिश हो जाए तो कब्रें पानी में डूब जाती हैं। मृतकों के स्वजन पालिथीन लगाकर बारिश से कब्रें बचाते हैं।

कब्रिस्‍तान की देखभाल कर रही समिति के पदाधिकारियोंं ने कई बार की शिकायत  

कब्रिस्तान की देखभाल कर रही समिति के पदाधिकारियों द्वारा कई बार इस संबंध में शिकायतें हो चुकी हैं। हर बार आश्वासन ही मिला। समिति के सचिव मोइनुद्दीन बताते हैं कि बारिश के दिनों में काफी कब्रें धंस गईं थीं। जलभराव के चलते शव दफनाने में दिक्कतें हुईं। जलभराव न हो, इसके लिए पुलिया का निर्माण करने की मांग की गई थी। खैर रोड का नाला इस ओर काट दिया गया था, इससे भी जलभराव की समस्या पैदा हो रही थी। गेट बनवाने की मांग भी थी, जिससे छुट्टा पशु कब्रिस्तान में न आ पाएं। इनमें से कोई मांग पूरी नहीं हो सकी। महापौर भी निगम अधिकारियों से इस संबंध में कह चुके हैं। तब निगम अधिकारियों ने भरोसा दिलाया था कि सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त करा दी जाएंगी। छुट्टा पशुओं काे पकड़ा जाएगा। पेयजल का इंतजाम कराने की बात भी कही थी। मगर ऐसा कुछ हुआ है। जबकि, शहर का सबसे बड़ा कब्रिस्तान यही है। कोरोना काल में बड़ी तादात में यहां शव दफनाए गए थे। जगह कम पड़ने लगी थी। तब भी नगर निगम से मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की गई। क्षेत्रीय पार्षद भी इस संबंध में निगम अधिकारियों से मिले। इंटरनेट मीडिया के जरिए यहां के हालात दिखाए गए। इसके बावजूद भी निगम अधिकारियों ने कोई राहत नहीं दी।

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