पात्र होने के बाद भी नसीब नहीं हुई पक्की छत

इगलास क्षेत्र के गांव बलीपुर निवासी एक परिवार आज भी कच्चे व जर्जर मकान में दिन काटने को मजबूर है। सरकारी योजनाओं को पात्रों तक पहुंचाने का ढिंढोरा पीटने वाला प्रशासन दो साल में भी इस परिवार को पक्की छत नसीब नहीं करा सका।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 01:09 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 01:09 AM (IST)
पात्र होने के बाद भी नसीब नहीं हुई पक्की छत
पात्र होने के बाद भी नसीब नहीं हुई पक्की छत

अलीगढ़ : इगलास क्षेत्र के गांव बलीपुर निवासी एक परिवार आज भी कच्चे व जर्जर मकान में दिन काटने को मजबूर है। सरकारी योजनाओं को पात्रों तक पहुंचाने का ढिंढोरा पीटने वाला प्रशासन दो साल में भी इस परिवार को पक्की छत नसीब नहीं करा सका। बुधवार रात इसके कच्चे मकान का एक हिस्सा बारिश में ढह गया। शुक्र रहा घटना के समय उस हिस्से में कोई नहीं था।

गांव बलीपुर निवासी सत्यप्रकाश पुत्र देवकीनंदन मजदूरी कर जीवन यापन करता है। उस पर एक बेटा व एक बेटी है। रहने को एक छोटा सा कच्चा मकान है। आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि मकान की मरम्मत भी नहीं करा सकता। 2018 में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए संपूर्ण समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र दिया था। बीडीओ ने जांच कर पात्रता की श्रेणी में मानते हुए लिस्ट में नाम शामिल कर दिया, लेकिन दो वर्ष बाद भी उसे पक्की छत नसीब नहीं हुई है। सत्यप्रकाश अपनी पत्नी व बच्चों के साथ जर्जर कच्चे मकान में दिन काटने को मजबूर है। उसने बताया कि बारिश में छत से पानी टपकता रहता है। डर लगा रहता है कहीं ऊपर न गिर जाए। बुधवार रात बारिश में मकान का एक हिस्सा ढह गया। बारिश के मौसम में ये परिवार काफी कठिनाइयों से जूझ रहा है।

शासन को भेजेंगे रिपोर्ट,

बीडीओ को लिखेंगे

तहसीलदार सौरभ यादव ने बताया कि लेखपाल से सर्वे कराकर आर्थिक सहायता के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है। आवास के लिए बीडीओ को पत्र लिखा जाएगा।

सूची में नाम नहीं होगा

तो पुन: भेजेंगे

बीडीओ इगलास अरविंद दुबे ने बताया कि आवास की सूची में जो नाम शामिल हैं उसका पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में शासन स्तर से भेजा जाता है। उसका नाम चेक किया जाएगा यदि सूची में नहीं होगा तो पुन: भेज दिया जाएगा।

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