डिजिटल मंच पर बांटेंगे ईद की खुशियां
निर्यातक असरार हुसैनी परिवार के साथ पत्थर वाली गली में रहते हैं। कोरोना संकट में ईद घर पर मनाएंगे।
जासं, अलीगढ़ : निर्यातक असरार हुसैनी परिवार के साथ पत्थर वाली गली में रहते हैं। कोरोना संकट के चलते परिवार ने ईद की खुशियां घर में ही मनाने का फैसला लिया है। सभी स्वजन अपने घर पर ही ईद की नमाज अदा करेंगे। साथ ही बच्चों ने ईद की खुशियां बांटने के लिए व एक दूजे को मुबारकबाद देने के लिए डिजिटल मंच तैयार किया है। यह लैपटाप पर अपने स्वजन, दोस्त व अन्य सगे संबंधियों को आनलाइन मुबारक बाद देंगे। ईद की नमाज में कोरोना संकट के विनाश व बीमार लोगों की सेहत फिट करने व देश की खुशहाली के लिए अबरार हुसैन अल्लाह से दुआ करेंगे। यह परिवार को खुद नमाज अदा कराएंगे।
राफिदा हुसैन एएमयू के गर्ल्स कालेज में कक्षा 11 की छात्रा हैं। वे काफी समय से अपने कालेज की दोस्तों से नहीं मिली हैं। इन्होंने अपने दोस्तों के साथ वर्चुअल आइडी जनरेट करने का फैसला किया है। बुधवार को इन्होंने इसका ट्रायल भी किया। ईद वाले दिन दोपहर 12 बजे का समय दिया गया है।
आफिदा हुसैन भी एएमयू गर्ल्स कालेज में कक्षा नौ की छात्रा हैं। यह अपनी ननिहाल अमरोहा आनलाइन नाना, मामी व भाई बहनों को आनलाइन मुबारक बाद देंगी। साथ ही घर में पकने वाले पकवानों की पोस्ट भी करेंगी।
शहर मुफ्ती के संदेश का होगा पालन
हाजी असलम का कहना है कि कोरोना संकट में नमाज घरों पर ही अदा की जाएगी। शहर मुफ्ती के संदेश का पूरी तरह पालन किया जाएगा। ईद की खुशियों में किसी प्रकार का खलल न पड़े, इसके लिए लोग दूर से ही अपने सिर्फ पड़ोसियों को मुबारकबाद दें। घरों से बाहर निकलने की कोई भी कोशिश न करे।
हाजी सुलेमान ने कहा कि उन्होंने अपने संगे संबंधियों से घर पर आकर मुबारकबाद देने की मना कर दिया है। आइटी व हाई टेक्नोलाजी के इस युग में घरों से ही मोबाइल, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम पर ही मुबारकबाद दें।