एक पंथ दो काज की तर्ज पर होगी स्‍कूलों में शिक्षा, जानिए कैसे

होमवर्क व एक्सरजाइज देकर नियमित पढ़ाई से जोड़ने की व्यवस्था तो करनी ही चाहिए। इसी दिशा में जिले के शिक्षाधिकारियों ने भी कदम बढ़ाने की योजना बनाई है। यह योजना एक पंथ दो काज की तर्ज पर काम करेगी।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 04:07 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 04:07 PM (IST)
एक पंथ दो काज की तर्ज पर होगी स्‍कूलों में शिक्षा, जानिए कैसे
होमवर्क व एक्सरजाइज देकर नियमित पढ़ाई से जोड़ने की व्यवस्थाकरनी ही चाहिए।

अलीगढ़, जेएनएन। ''एक पंथ दाे काज'' ये कहावत अपने देश में काफी प्रचिलित है। अब इसी की तर्ज पर सरकारी विभाग में कार्ययोजना भी अमल में लाए जाने का खाका तैयार किया गया है। कोरोना काल में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई ठप होने से उनकी नियमित पढ़ाई भी नहीं हुई और उनका कोर्स भी पूरा न होने की चिंता है। हालांकि बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए कोर्स पूरा करने का दबाव नहीं होता है। मगर उनको नियमित होमवर्क व एक्सरजाइज देकर नियमित पढ़ाई से जोड़ने की व्यवस्था तो करनी ही चाहिए। इसी दिशा में जिले के शिक्षाधिकारियों ने भी कदम बढ़ाने की योजना बनाई है। यह योजना एक पंथ दो काज की तर्ज पर काम करेगी।

बच्चों को होमवर्क दिलाने की योजना

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को ई-पाठशाला के जरिए आनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। इसके तहत दूरदर्शन पर शिक्षण सामग्री का प्रसारण किया जाता है। सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक आधे-आधे घंटे की कक्षाएं संचालित की जाती हैं। मगर ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों व उनके परिजनों को इस कार्यक्रम के प्रसारण की जानकारी नहीं है। इसलिए बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को ड्यूटी सौंपी गई है कि वो अभिभावकों से संपर्क कर उनको दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी कराएं। किस समय पर कौन सी कक्षाएं चलती हैं इनकी जानकारी शिक्षक अभिभावकों को व उनके बच्चों को करा रहे हैं। ऐसे में अफसरों ने बच्चों को होमवर्क दिलाने की योजना भी बनाई है। इसके तहत जो शिक्षक किसी विद्यार्थी के घर जा ही रहे हैं तो उसको वहां दो मिनट रुककर होमवर्क भी देंगे। विद्यार्थी दूरदर्शन पर देखे प्रसारण को पढ़ेगा भी और शिक्षकों की ओर से मिले होमवर्क को करेगा। इसके बाद अभिभावक उस होमवर्क को स्कूल आकर शिक्षक को सौंप देंगे। इससे उस होमवर्क का मूल्यांकन भी हो जाएगा। साथ ही जब अभिभावक स्कूल से जाएंगे तो उनको नया होमवर्क भी दे दिया जाएगा। जिसको घर पर विद्यार्थी हल कर पढ़ाई को नियमित रख सकेगा।

इनका कहना है। बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि जब शिक्षक घर-घर जाकर दूरदर्शन पर प्रसारण की जानकारी दे रहे हैं तो वो दो मिनट रुककर विद्यार्थी को होमवर्क भी दे सकते हैं। इससे विद्यार्थी की पढ़ाई नियमित होती रहेगी।

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