Seminar : पर्यावरण के अनुकूल और लाभदायक होती है जैविक खेती Aligarh news

आधुनिक कृषि की तुलना में जैविक खेती प्रणाली कम पैदावार देती है। हालांकि जैविक खेती अधिक लाभदायक और पर्यावरण के अनुकूल है। साथ ही यह पारंपरिक खेती की तुलना में अधिक पौष्टिक खाद्य पदार्थ प्रदान करती है। क्योंकि इसमें कम कीटनाशक अवशेषों का प्रयोग किया जाता है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 10:39 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 10:45 AM (IST)
Seminar : पर्यावरण के अनुकूल और लाभदायक होती है जैविक खेती Aligarh news
सेमिनार में बोलते मंगलायतन विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के अध्यक्ष डा. सैयद दानिश यासीन नकवी ।

अलीगढ़, जेएनएन । आधुनिक कृषि की तुलना में जैविक खेती प्रणाली कम पैदावार देती है। हालांकि, जैविक खेती अधिक लाभदायक और पर्यावरण के अनुकूल है। साथ ही यह पारंपरिक खेती की तुलना में अधिक पौष्टिक खाद्य पदार्थ प्रदान करती है। क्योंकि इसमें कम कीटनाशक अवशेषों का प्रयोग किया जाता है। पारंपरिक फसलों की तुलना में जैविक फसलें अक्सर अधिक मूल्य की होती हैं और जैविक फसलों की मात्रा लगातार बढ़ती उत्पादन प्रवृत्ति को दर्शाती है। यह बातें मंगलायतन विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के अध्यक्ष डा. सैयद दानिश यासीन नकवी ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जा रही सेमिनार श्रृंखला में कहीं।

जैविक खेती विषय पर हुआ सेमिनार

उन्होंनेे बताया कि उत्पादित जैविक फसलों की बिक्री उन्नत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अत्यधिक है। जैविक खेती का पर्यावरणीय प्रभाव खराब कृषि भूमि की सफाई और सुधार का तरीका है। उन्होंने कहा कि मिट्टी एक जीवित प्रणाली है, इसलिए सिंथेटिक उत्पादों को बड़े पैमाने पर जैविक खेतों से बाहर रखा गया है। बुधवार को कृषि विभाग द्वारा आयोजित सेमिनार का विषय जैविक खेती था। संचालन नियति शर्मा ने किया। इस दौरान प्रो. उल्लास गुरूदास, डा. राजीव शर्मा, डा. अनुराग शाक्य, मोहन माहेश्वरी, राजेश उपाध्याय, मनीषा उपाध्याय, डा. मंजरी, डा. आकांक्षा, डा. यादवेंद्र सिंह, डा. संतोष कुमार गौतम, डा. देवेंद्र कुमार, डा. सुकृत श्रीवास्तव, श्वेता भारद्वाज, डा. पूनम भारतीय आदि थे।

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