जान जोखिम में डालकर निभाई ड्यूटी, लोगों का विरोध भी झेला : सोनिका Aligarh news

शाहजमाल का धरना तो आपको याद होगा। ऊपर से कोरोना का कहर। लोगों के विरोध के साथ कुदरत की मार के बीच महिला पुलिसकर्मी अपने फर्ज से पीछे नहीं हटीं थीं। इन्हीं में से एक थीं एसआइ सोनिका चौधरी जो उस वक्त संवेदनशील थाना सासनीगेट में तैनात थीं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 12:37 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 12:37 PM (IST)
जान जोखिम में डालकर निभाई ड्यूटी, लोगों का विरोध भी झेला : सोनिका Aligarh news
मेरठ निवासी सोनिका चौधरी फिलहाल पनैठी में बनी महिलाओं की रिपोर्टिग चौकी की प्रभारी हैं।

अलीगढ़, जेएनएन ।  शाहजमाल का धरना तो आपको याद होगा। ऊपर से कोरोना का कहर। लोगों के विरोध के साथ कुदरत की मार के बीच महिला पुलिसकर्मी अपने फर्ज से पीछे नहीं हटीं थीं। इन्हीं में से एक थीं एसआइ सोनिका चौधरी, जो उस वक्त संवेदनशील थाना सासनीगेट में तैनात थीं। सोनिका ने अपनी जान जोखिम में डालकर दर्जनों संक्रमितों को अस्पताल पहुंचाया। उनके परिवार का विरोध झेला। अपनों की तरह उन्हें समझाया। इस बीच खुद का भी बचाव किया। सोनिका कहती हैं कि ड्यूटी से ऊपर कुछ नहीं है। हमें मौका मिला तो लोगों के काम आए। 

पनैठी में बनी महिलाओं की रिपोर्टिग चौकी की प्रभारी हैं सोनिका

मेरठ निवासी सोनिका चौधरी फिलहाल पनैठी में बनी महिलाओं की रिपोर्टिग चौकी की प्रभारी हैं। जनवरी 2020 में उनकी तैनाती सासनीगेट थाने में हुई थी। 15 दिन बाद ही शाहजमाल धरने में ड्यूटी लग गई। मार्च में कोरोना ने दस्तक दे दी। एसआइ सोनिका ने बताया कि धरने में शामिल महिलाअों को समझाना कठिन था। लेकिन, मेरे साथ 30 महिला पुलिसकर्मियों की टीम थी। हमने सभी को कोरोना के खतरे के बारे में बताया। जैसे-तैसे लोगों को बात समझ में आई। धरना हटा तो सोनिका तीन दिन की छुट्टी पर चली गईं। तभी लाकडाउन लग गया तो फिर आना पड़ा। सासनीगेट थाना क्षेत्र के जयगंज में शुरुआत में रोजाना कोरोना संक्रमित मरीज निकलते थे। ऐसे में सोनिका ने आग बढ़कर मरीजों को अस्पताल पहुंचाया। सोनिका कहती हैं, संक्रमित के परिवार के सदस्य विरोध करते थे। उन्हें लगता था कि उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है। स्वजन को अपनों की तरह समझाते थे।  

पुलिस टीम पर हुआ था हमला  

कासिम नगर में गो-तस्करी की सूचना पर पहुंची पुलिस टीम पर लोगों ने हमला कर दिया था। कोरोना काल में महिलाएं एकत्रित हो गई थीं। तीन महिला पुलिसकर्मी घायल भी हुई थीं। उस दौरान एसआइ सोनिका ने मोर्चा संभाला था। अब सोनिका पनैठी में तैनात थे। कहती हैं कि कोरोना फिर से बढ़ रहा है। मौका मिलता है तो लोगों को समझाती हैं। अपील करती हैं कि बीमारी से घबराएं नहीं,  बचाव करें।  

तीन बार खुद भी कराया टेस्ट 

 एसआइ सोनिका ने कोरोना काल में बिना अवकाश लिए ड्यूटी की। घर-घर जाकर लोगों को खाना तक पहुंचाया। ऐसे में घर के लोग भी घबराते थे। फोन पर उन्हें भी समझाती थीं। वहीं ड्यूटी के दौरान साथी पुलिसकर्मी भी संक्रमित हुए तो तीन बार टेस्ट भी कराना पड़ा। सोनिका ने कहा कि खुद की परवाह किए बिना ड्यूटी की थी। लेकिन, भगवान का शुक्र है कि मैं पूरी तरह ठीक रही।

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