हाथरस में जीटी रोड पर धूल के गुबार ने बढ़ाईं लोगों की मुश्किलें

एनएचएआइ की ओर से अलीगढ़ से कानपुर तक जीटी रोड का चौड़ीकरण कराया जा रहा है। एक साल से निर्माण प्रक्रिया चल रही है। निर्माण कंपनी ने पूरी सड़क खोद दी है। अलीगढ़ के पनेठी से एटा तक मिट्टी तथा पत्थर डाल दिए हैं। इससे हर समय धूल उड़ती है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 10:16 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 10:16 AM (IST)
हाथरस में जीटी रोड पर धूल के गुबार ने बढ़ाईं लोगों की मुश्किलें
सड़क पर उड़ती धूल के चलते लोगों का चलना मुश्किल होता है

जेएनएन, हाथरस।  जिले के कस्बा सिकंदराराऊ में जीटी रोड पर उड़ रही धूल से राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एनएचएआइ की ओर से सड़क निर्माण की सुस्त रफ्तार से लोगों में भारी नाराजगी है। आखिर लोगों को धुंध भरी यात्रा से कब निजात मिलेगी? रोड निर्माण कंपनी धूल रोकने के लिए पानी का छिड़काव भी नहीं कराती।

यह है हाल 

एनएचएआइ की ओर से अलीगढ़ से कानपुर तक जीटी रोड का चौड़ीकरण कराया जा रहा है। एक साल से निर्माण प्रक्रिया चल रही है। निर्माण कंपनी ने  पूरी सड़क खोद दी है। अलीगढ़ के पनेठी से एटा तक मिट्टी तथा पत्थर डाल दिए हैं। इससे हर समय धूल उड़ती रहती है। यह लोगों को सांस लेने में तकलीफ पैदा कर रही है। वाहनों को रेंगकर चलना पड़ रहा है। अलीगढ़ तथा सिकंदराराऊ के बीच महज 40 किलोमीटर की दूरी है जिसे तय करने में दो घंटे लग रहा है।

परेशान हैं लोग

शरद शर्मा का कहना है कि जीटी रोड का निर्माण कार्य एनएचएआइ की ओर से बहुत धीमी गति से कराया जा रहा है। सड़क की खोदाई कर छोड़ दिया गया है। जिससे हर समय धूल उड़ती रहती है। नीरज बघेल का कहना है कि धूल भरे वातावरण से गुजरने में लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों को लोगों की इस परेशानी को समझना चाहिए। धूल न उड़े, इसके प्रबंध होने चाहिए। अरविंद कुमार का कहना है कि जीटी रोड पर उड़ती धूल के बीच से गुजरना लोगों के लिए बेहद मुश्किल भरा होता है, इससे प्रतिदिन गुजरने वाले लोग विभिन्न बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।शशांक कुमार का कहना है कि  अलीगढ़ जाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाते। इस मार्ग की बजाय दूसरे रास्तों से आते-जाते हैं। लंबे रूट की रोडवेज बसें पनेठी से कासगंज होकर सीधे निकल जाती हैं। डायरेक्टर एनएचएआइ पीपी सिंह का कहना है कि जीटी रोड का निर्माण कार्य जून 2021 तक हर हाल में पूरा करना है। इसके लिए कार्य तेज करने के निर्देश दे दिए गए हैं। सड़क पर उडऩे वाली धूल की समस्या को कम करने के लिए टैंकरों की संख्या बढ़ाई जा रही है, जिससे कि पानी का छिड़काव किया जा सके।

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