रजबहा में अचानक पानी छोड़ने से दो जगह से पटरियां कटी, आलू व गेहूं की फसल डूबी

हाथरस जागरण संवाददाता। हाथरस के सहपऊ में सोमवार की सहपऊ रजबहा में अचानक पानी छोड़ दिए जाने से रजवाहे की पटरी दो जगह से टूट गई। इससे 300 बीघा से अधिक किसानों की आलू गेहूं सब्जी की फसल में पानी भर गया।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 05:24 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 05:25 PM (IST)
रजबहा में अचानक पानी छोड़ने से दो जगह से पटरियां कटी, आलू व गेहूं की फसल डूबी
रहबहा की पटरी टूटने से आलू के खेत में भरा पानी।

हाथरस, जागरण संवाददाता। हाथरस के सहपऊ में सोमवार की सहपऊ रजबहा में अचानक पानी छोड़ दिए जाने से रजवाहे की पटरी दो जगह से टूट गई। इससे 300 बीघा से अधिक किसानों की आलू, गेहूं, सब्जी की फसल में पानी भर गया। फसल को लेकर किसान चिंतित है। किसानों में सिंचाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ रोष है। किसान सिंचाई विभाग पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।

कई दिनों से सूखा पड़ा था रजबहा 

सहपऊ रजबहा कई गांव से होकर गुजरता है। यह रजबहा पिछले कई दिनों से सूखा पड़ा था। जगह-जगह घास और झाड़ियां उगी हुई थीं। रजबहा की पटरियां कमजोर हैं। सेामवार की देर रात रजबहा में पानी छोड़ा गया। इससे रजबहा ओवरफ्लो हो गया। पानी के अधिक दबाब की वजह से रजबहा की पटरी गांव ढकपुरा और गांव सेदरिया में पुलिस चौकी के सामने टूट गई। सुबह जब किसान अपने खेतों पर पहुंचे ताे उन्होंने आलू, गेहूं और सब्जी की फसल डूबी देखीं। किसानों का कहना है कि सिंचाई विभाग की लापरवाही से यह नुकसान हुआ है। तीन सौ बीघा से अधिक फसल डूब गई है। किसानों ने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को अवगत करा दिया है। जेसीबी से पटरियों को सही कराने का कार्य जारी है।

1.50 करोड़ से सुधरेगी सेंगर नदी की सूरत

हाथरस: सेंगर नदी की सूरत सुधारने को प्रशासन ने डेढ़ कराेड़ रुपये की कार्य योजना तैयार कर उस पर आज से काम शुरू कराने का निर्णय लिया है। डीएम रमेश रंजन छह दिसंबर को अधिकारियों की टीम के साथ शुभारंभ करेंगे। सोमवार को एक साथ 1100 मनरेगा मजदूरों से काम कराया जाएगा। करीब 18 किलोमीटर के दोनों तटाें पर काम कराया जाएगा। सेंगर नदी जनपद की पहचान हैं। इनकी स्वच्छता एवं सफाई का ध्यान रखने के लिए पूरी कार्य योजना तैयार की गई है। जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक अश्वनी कुमार मिश्रा ने बताया कि इस काम में 1100 मनरेगा मजदूर एक साथ काम पर लगेंगे। जिले में 18 किलोमीटर तक का हिस्सा सेंगर नदी का है जिसके तट दुरुस्त किए जाएंगे। नदी से सिल्ट की सफाई कराने के साथ पंचायतों से रैंप और सीढि़यां बनवाई जाएंगी।

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