रिमझिम बारिश ने खोल दी सफाई व्यवस्था की पोल Aligarh news

सिविल विभाग हर बार मानसून के आने से पहले नालों की सफाई करवाने में लाखों रूपये फंूक देता है विभाग की तरफ से इस बार नालों की सफाई जेसीबी की द्वारा तलीझाड़ करवाई गई। लेकिन नालों से निकली सिल्ट का निस्तारण समय रहते नहीं करवा पाए।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 12:23 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 12:23 PM (IST)
रिमझिम बारिश ने खोल दी सफाई व्यवस्था की पोल Aligarh news
कई आवासों में तो नाले के ओवर फ्लो होने के चलते पानी अदंर तक घुस गया।

अलीगढ़, जेएनएन। मानसून की बारिश ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दी,वहीं परियोजना के आवासों में रह रहें लोगों की मुश्किलें जरूर बढ़ा दी। सालाना लाखों रूपये सफाई व्यवस्था पर प्रबंधन के द्वारा खर्च करने के बाद अफसर इस बार यह दावे कर रहें थे कि हर साल की तरह इस बार परियोजना के आवासों के सामने एवं अदंर पानी नहीं भरेगा।

हर साल सफाई के नाम लाखों खर्च होते हैं

सिविल विभाग हर बार मानसून के आने से पहले नालों की सफाई करवाने में लाखों रूपये फूंक देता है विभाग की तरफ से इस बार नालों की सफाई जेसीबी की द्वारा तलीझाड़ करवाई गई। लेकिन नालों से निकली सिल्ट का निस्तारण समय रहते नहीं करवा पाए। जिस कारण नालों से निकली सिल्ट बारिश में दोबारा नालों में बह गई और नाले चोक हो गए जिसके चलते विभाग के अधिकारी परिसर में जलभराव को नहीं रोक पाए। दिन भर हुई बारिश ने विभाग के कागजों में हुई सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी कि किस प्रकार से नालों की सफाई के बाद अधिकारियों के द्वारा संविदाकार के किए काम को किस तरह से क्लीन चीट दे दी जाती है।

यहां रहा जलभराव

साई मंदिर काॅलोनी, दस दुकान की एफटाइप काॅलोनी, पशुपति मंदिर काॅलोनी के आवास एवं जवां रोड़ पर अधिक जलभराव देखा गया। कई आवासों में तो नाले के ओवर फ्लो होने के चलते पानी अदंर तक घुस गया, जिससे आवासों में रह रहें लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। जल भराव को लेकर सभी संगठनों के रोष व्याप्त है। सालाना लाखों रूपये खर्च करने के बाद भी परिसर में जल भराव विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ें कर देता है ?

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