Rust with Corona : योग-प्राणायाम करिए, आक्सीजन की नहीं होगी कमी Aligarh news
सुबह-शाम की हवा लाख टके की दवा...ये कहावत वर्षों पुरानी चली आ रही है। यदि आप ताजगी भरी सुबह में योग-प्रणायाम करेंगे तो आपको अस्पताल में आक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ेगी। दुनिया की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति योग-प्राणायाम निशुल्क उपहार है।
अलीगढ़, जेएनएन । सुबह-शाम की हवा, लाख टके की दवा...ये कहावत वर्षों पुरानी चली आ रही है। यदि आप ताजगी भरी सुबह में योग-प्रणायाम करेंगे तो आपको अस्पताल में आक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ेगी। दुनिया की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति योग-प्राणायाम नि:शुल्क उपहार है। बस आप नियमित करिए, स्वस्थ और मस्त रहेंगे। योगाचार्यो का दावा है कि कोरोना के समय योग-प्राणायाम संजीवनी के सामान है, तमाम ऐसी क्रियाएं हैं, जो आपके आक्सीजन लेबल को घटने नहीं देंगी। आपके अंदर बेचैनी, घबराहट को दूर करेंगी। साथ ही मानसिक रुप से भी आप मजबूत होंगे, जिससे बीमारियों से लड़ने की आपके अंदर क्षमता विकसित होगी। योग-प्राणायाम कोरोना समेत अन्य तमाम बीमारियों से भी बचाने का काम करेंगी। आइए, जानते हैं योगाचार्यों से...
ऋषि-मुनियों ने दी प्रकृति के साथ जीवन जीने की सीख
हमारे देश में ऋषि-मुनियों की आयु हजार वर्ष से अधिक हुआ करती थी। उसके पीछे योग-प्राणायाम प्रमुख रहता था। गिरकंद्राओं व जंगलों में वह वर्षों तपस्या किया करते थे। प्रकृति के साथ जीवन जीने की सीख दिया करते थे। आज उसे भूल बैठे हैं, जिसके चलते तमाम बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। योग गुरु योगेश आर्य का कहना है कि नियमित यदि योग-प्राणायाम करते हैं तो शरीर पूरी तरह से स्वस्थ्य रहेगा। आपकी निरोगी काया होगी। इसलिए प्रतिदिन एक घंटे योग-प्राणायाम जरूर करें।
ये क्रियाओं से मिलेगा लाभ
अनुलोम-विलोम 30 मिनट ।
भ्रस्तिका 10 मिनट
रात में सोने पहले भ्रामरी करें।
शक्ति मुद्रा में ध्यान लगाएं
सूक्ष्म व्यायाम जरूरी
योगेश आर्य का कहना है कि इस समय सूक्ष्म व्यायाम बहुत जरूरी है। स्वस्थ्य व्यक्ति को कम से कम 20 मिनट सूक्ष्म व्यायाम जरूर करना चाहिए। इसमें हल्के-हल्के पांव के बल कूद लगाएं। दोनों हाथों को घुमाएं। कमर को चारों तरफ घुमाएं। आंखों को चारों तरफ घुमाएं। यदि अधिक अस्वस्थ्य हैं तो सूक्ष्म व्यायाम न करें। उसके स्थान पर बैठकर हल्का-फुल्का कलाई आदि को घूमा लें। पांच मिनट ध्यान की मुद्रा में बैठ सकते हैं।
इस उपाय से सांस की नहीं होगी दिक्कत
योगाचार्य मणि रावत अर्जुन का कहना है कि यदि योग-प्राणयाम नियमित करेंगे तो कोरोना समेत तमाम बीमारियों से बचाव होगा। इसलिए प्रतिदिन एक घंटे व्यायाम जरूर करें। खान-पान में संयम रखें। इस मौसम में कफ जमा होने लगता है, जिससे कई बार सांस लेने में दिक्कत होती है। मौसम में परिवर्तन होने पर भी सांस की दिक्कत बढ़ जाती है। ऐसे में घबराहट शुरू हो जाती है। इसलिए कपाल भाति, भ्रस्तिका, अनुलोम-विलाेम करेंगे तो सांस की दिक्कत नहीं होगी। यदि ब्लड प्रेशर लो होता तो सूर्यभेदी और हाई होता तो चंद्रभेदी प्राणायाम करना चाहिए। इससे आपको काफी राहत मिलेगी।
आधे घंटे में मिलेगा फायदा
मौसम में परिवर्तन होने से सर्दी-जुकाम लाजिमी है। इसलिए घबराए न। यदि नार्मल स्थिति रहती है तो आप योग-प्राणायाम से ठीक कर सकते हैं। मणि रावत अर्जुन का कहना है कि आधे घंटे में ही ब्लड-प्रेशर हाई-लो में फायदा मिलेगा। इस समय गुनगुना पानी पीएं। बाहर की चीजें न खाएं। पानी बैठकर ही पीएं। अक्सर पानी खड़े होकर पीते हैं, वो आपको तमाम दिक्कतें कर सकता है।