Corona infection : हौसला न हारिए, लड़कर ही निकलेगा रास्ता Aligarh news

कोरोना की दूसरी लहर ने हर किसी को झकझोर दिया है। मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई? कि संसाधन कम पड़ गए। अस्पतालों में आक्सीजन की कमी है बेड नहीं हैं स्टाफ का घोर संकट है ऐसे में सवाल उठता है? कि आखिर यह स्थिति उत्पन्न क्यों हुई?

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 06:01 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 06:46 AM (IST)
Corona infection : हौसला न हारिए, लड़कर ही निकलेगा रास्ता Aligarh news
कोरोना की दूसरी लहर ने हर किसी को झकझोर दिया है।

अलीगढ़, जेएनएन ।  कोरोना की दूसरी लहर ने हर किसी को झकझोर दिया है। मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई? कि संसाधन कम पड़ गए। अस्पतालों में आक्सीजन की कमी है, बेड नहीं हैं, स्टाफ का घोर संकट है, ऐसे में सवाल उठता है? कि आखिर यह स्थिति उत्पन्न क्यों हुई? जब पहले से ही यह बताया जा रहा था कि कोरोना की दूसरी लहर आ सकती है? तो सतर्कता क्यों नहीं बरती गई? अब चुनौतियां बढ़ गईं हैं, मगर हाथ पर हाथ धरे बैठा भी तो नहीं रहा जा सकता है? इसलिए दैनिक जागरण ने कोविड 19 की चुनौतियां, अव्यवस्थाएं और समाधान विषय पर वेबिनार योजित किया। शहर के तमाम प्रबुद्धजन इसमें शामिल हुए। कई बार अव्यवस्थाओं को लेकर तल्खी तो कभी किसी ने रास्ता दिखाया। डेढ़ घंटे तक संवाद का यह क्रम चलता रहा। लब्बोलुआब निकलकर आया कि हमें हार नहीं माननी है। इन्हीं समस्याओं से जूझते हुए आगे बढ़ना है। सरकारी तंत्र के साथ सामाजिक सहयोग की भी जरूरत है। तभी हम इस संकट से निकल सकेंगे। फिलहाल सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है, इसे हम सभी को स्वीकार करना होगा। आइए, प्रबुद्धजनों ने क्या कहा आप भी सुनिए... 

टीका लगवा लीजिए, बहुत अहम है : प्रो. सिद्दीकी

एएमयू के जेएनएन मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल प्रो. शाहिद अली सिद्दीकी ने कहा कि मेडिकल कालेज में कोविड और नान कोविड दोनों तरह के मरीज देखे जा रहे हैं, इसलिए चुनौतियां बड़ी हैं। हालांकि, जिन लोगों ने टीका लगवा लिया है वो संक्रमित होने पर जल्दी स्वस्थ हो रहे हैं। तमाम ऐसे मामले देखे हा रहे हैं। इसलिए सभी टीका जरूर लगवाएं। टीका के लिए पहले भी लोगों को सचेत किया गया था, फिर मैं अपील कर रहा हूं कोरोना से बचाव के लिए टीका बहुत जरूरी है। 

मरीजों की सेवा का समय : डा. भरत

आइएमए के डा. भरत वाष्र्णेय ने कहा कि जितनी अस्पतालों की क्षमता थी, उससे कई गुना मरीज आ गए, ऐसे में संसाधन कम पड़ने ही थे। बहरहाल, थोड़ी स्थिति सुधरी है यह संतोषजनक है। स्थिति को देखते हुए आइएमए ने टेली मेडीसिन की व्यवस्था शुरू की है, हम प्रतिदिन तमाम लोगों की मदद कर रहे हैं। रही बात अस्पतालों की अधिक पैसे लेने की यदि ऐसी कहीं बात आती है तो शिकायत करें। डाक्टरों से भी अपील है अधिक पैसा लेने की ऐसी शिकायत आने का मौका ही न दें। ये समय मरीजों की सेवा का है। 

सरकार आर्थिक मदद करे : सेंचुरी

व्यापारी नेता अनिल सेंचुरी ने कहा कि सब्जी, दूध अन्य दुकानों पर तो भीड़ कम होती है, मगर खाद्य सामग्री की दुकानों पर भीड़ अधिक होती है। इसलिए दोपहर 12 से शाम छह बजे तक दुकानें खुलें और होम डिलीवरी कराई जाए। उन्होंने कहा कि आपदा के समय में चार लाख रुपये की सरकार आर्थिक मदद देती है। 

तीमारदारों के लिए बनाए रैन बसेरा : अपर नगर आयुक्त

अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्त ने कहा कि नगर निगम सुविधाओं में जुटा हुआ है। हमने दीनदयाल अस्ताल में 25 बेड और जिला अस्पताल में 12 बेड का रैन बसेरा बनाया है, जिससे गांवों से आने वाले मरीजों के तीमारदार रात में रुक सकें। साथ ही दोनों अस्पतालों में सफाई इंस्पेक्टर की तैनाती की गई है, जिससे साफ-सफाई व्यवस्था ठीक रहे। कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी फ्री में देने की व्यवस्था की गई है। यदि कहीं किसी को दिक्कत आए तो उन्हें फोन कर सकता है। 

जल्द बनेगा नया प्लांट

एएमयू के प्रवक्ता प्रो. शाफे किदवई ने कहा कि यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की मौत से हर कोई दुखी है। कोई खास वायरस तो पैदा नहीं हो गया इसकी जांच के लिए नमूना भेजे हैं। जहां कोरोना के मरीज मिले हैं उन विभागों को सेनीटाइज किया गया है। मेडिकल कालेज में आक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए नया प्लांट लगाया जा रहा है। को-वैक्सीन सभी जरूर लगवाएं। इसी का मेडिकल कें ट्रायल हुआ था। 

स्पष्ट हो स्थिति : दीपक

तालानगरी से दीपक अग्रवाल कोरल ने बताया कि बातें धरातल पर होनी चाहिए। उद्योग-धंधे चालू रखने की बात होती है, मगर दोपहर में गाड़ी वाला कच्चा माल लेेकर जाता है तो उसे पुलिस पकड़ लेती है। ट्रांसपोटेशन बंद है। यदि ऐसे में हमने उत्पादन कर लिया तो माल भेजेंगे कहां? ऐसी तमाम समस्याएं हैं, जिसका निदान होना चाहिए। 

गला सूचना भी है लक्षण : प्रो. हाशिमी

एएमयू के डेंटल कालेज के प्रो. गुलाम सर्वर हाशिमी ने कहा कि कोरोना के अब तमाम लक्षण सामने आने लगे है। खांसी-जुकाम, बुखार तो है ही गला सूखना और बार-बार प्यास लगाना भी इसके लक्षण हैं, इसलिए इस तरह की दिक्कत आए ताे तुरंत जांच करानी चाहिए। 

फोन पर मिलेगी मदद : आलोक 

विहिप के अध्यक्ष अालोक याज्ञनिक ने कहा कि उन्होंने टेली मेडीसिन की सुविधा शुरू की है। उनके ग्रुप में 15 के करीब डाक्टर हैं। डाक्टरों से सलाह लेकर मरीजों को दवा दी जाती है। किसी को भी जरूरत हो तो मोबाइल नंबर 9456241488 पर फोन करके मदद मांग सकता है। 

सबको पता चले कितने बैड हैं खाली : अनुपम

एएमयू छात्र अनुपम गुप्ता ने कहा कि उन्होंने अपने साथियों की मदद से बेवसाइड शुरू की है, जिसमें जरूरी सेवाओं के नंबर होते हैं, जिससे लोगों को मदद मिलती है। कोविड के अस्पतालों की भी जानकारी लोगों को मिलनी चाहिए। शहर में कितने कोविड अस्पताल हैं, उनमें बेड कितने हैं, जिससे लोगों को सुविधा होगी। प्रशासन सहयोग करे तो हम ऐसी बेवसाइड शुरू कर सकते हैं। 

सभी को रहना होगा सचेत 

प्रिंसिपल शैलेंद्र यादव ने कहा कि एक ग्रुप के जरिए वह अपने शिक्षकों के संपर्क में हैं। शिक्षकों की समस्याओं के समाधान का प्रयास किया जाता है। चुनाव ड्यूटी के बाद 80 फीसद शिक्षक खांसी-जुकाम आदि से पीड़ित हो गए थे। एक शिक्षक कीजान भी चली गई। बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक वीरेंद्र सिंह ने कहा कि बेसिक के 18 शिक्षक और तीन शिक्षामित्रों की कोरोना से मौत हो चुकी है। अब तीसरी लहर में बच्चों की चिंता सता रही है। अभिभावकों से अपील है कि बच्चों पर ध्याान रखें। विनीत कोचिंग के संचालक विनीत शर्मा ने कहा कि हमारे यहां 19 हजार लोगों पर एक डाक्टर हैं। संक्रमण बढ़ने से मरीजों की संख्या बढ़ गई है तो ऐसे में पांच हजार पर एक डाक्टर बैठते हैं। इसलिए हमें अपना ध्यान रखना होगा। व्यापारी नेता मनीष वूल ने कहा अस्पताल वाले परिजनों को कोरोना से डेथ का सर्टिफिकेट नहीं देते हैं। यदि आगे परिजनों को जरूरत पड़ेगी तो दिक्कत होती। उड़ान सोसायटी के डायरेक्टर डाक्टर ज्ञानेंद्र मिश्रा ने कहा कि वैक्सीन जरूर लगाएं। सरकार ने 18 से 44 वर्ष तक के लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए समय उपलब्ध करा दिया है। अलीगढ़ के लोग अधिक से अधिक वैकसीन लगवाएं। सरकार ने आंशिक लाकडाउन लगाकर कोरोना नियंत्रण एवं व्यापारिक गतिविधियों के बीच समन्वय स्थापित करने के प्रयास में है। ऐसे में मेडिकल सुविधाएं, ई कामर्स, औद्यागिक सुविधाओं को ई पास से मुक्त रखा है। इनके अलावा डा. ऋषभ गौतम, संतोष सिंह, मनोज अग्रवाल, शंभू दयाल,, संजीव रतन, राजकुमार गुप्ता, पवन कुमार वाष्र्णेय, हर्षत अग्रवाल, रवि राठी ने भी अपने विचार रखे।

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