पराली जलाएं नहीं, प्रबंधन करें
पराली जलाने की घटनाओं को लेकर प्रदेश व केंद्र सरकार गंभीर नजर आ रही है। अब फसल प्रबंधन के लिए कृषि यंत्रों पर 50 से 80 फीसद तक अनुदान दिया जा रहा है।
जासं, अलीगढ़ : पराली जलाने की घटनाओं को लेकर प्रदेश व केंद्र सरकार गंभीर नजर आ रही है। अब फसल प्रबंधन के लिए कृषि यंत्रों पर 50 से 80 फीसद तक अनुदान दिया जा रहा है। 14 प्रकार के कृषि यंत्रों पर यह लाभ मिल रहा है। सोमवार को सीडीओ अनुनय झा ने कलक्ट्रेट सभागार में अफसरों के साथ बैठक कर पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ने पर क्लास लगाई।
सीडीओ अनुनय झा ने कहा कि पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। कही न कहीं अफसर किसानों को इसके प्रति जागरूक नहीं कर पा रहे हैं। पराली जलाने से केवल पर्यावरण ही नहीं, बल्कि खेत की उर्वरा शक्ति पर भी असर पड़ता है। सरकार 14 प्रकार के यंत्रों पर 50 फीसद तक अनुदान दे रही है। सहकारी समिति, गन्ना समिति व पंचायतों के माध्यम से फसल अवशेष प्रबंधन के लिए पांच लाख तक के यंत्र पर 80 फीसद अनुदान है। कृषि उपनिदेशक अनिल कुमार ने बताया कि अब तक जिले में 50 किसानों के खिलाफ 26 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। 60 हजार का अर्थदंड लगा है। दो लाख से अधिक लोगों को जागरूक किया गया है।