सीएमओ का प्रमाणपत्र है तो दिव्यांग देंगे स्वकेंद्र परीक्षा

यूपी बोर्ड ने वर्ष 2022 की परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिय शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 06:49 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 06:49 PM (IST)
सीएमओ का प्रमाणपत्र है तो दिव्यांग देंगे स्वकेंद्र परीक्षा
सीएमओ का प्रमाणपत्र है तो दिव्यांग देंगे स्वकेंद्र परीक्षा

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : यूपी बोर्ड ने वर्ष 2022 की परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही नीति निर्धारण के आदेश भी दिए हैं। इसमें दिव्यांग परीक्षार्थियों को स्वकेंद्र परीक्षा दिलाने की सुविधा भी की गई है। बशर्ते दिव्यांग परीक्षार्थी के पास अपनी 40 प्रतिशत दिव्यांगता का सीएमओ द्वारा जारी प्रमाणपत्र होना चाहिए। इस व्यवस्था से प्रमाण पत्र धारक दिव्यांग खुश हैं।

केंद्र निर्धारण में बालक-बालिका परीक्षार्थियों के लिए केंद्र की दूरी भी तय की गई है। बालक परीक्षार्थियों के लिए 10 किलोमीटर और बालिका परीक्षार्थियों के लिए पांच किलोमीटर की दूरी पर परीक्षा केंद्र निर्धारण किया जाएगा। अगर किसी दिव्यांग परीक्षार्थी के पास सीएमओ से प्रमाणित सर्टिफिकेट नहीं है तो उनका परीक्षा केंद्र भी पांच किलोमीटर की दूरी पर रखने के निर्देश बोर्ड से जारी किए गए हैं। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि 40 प्रतिशत दिव्यांगता वाले विद्यार्थी प्रमाणपत्र के साथ स्वकेंद्र की सुविधा ले सकते हैं। जिनके पास प्रमाणपत्र नहीं है उनको पांच किलोमीटर की दूरी पर ही केंद्र मिलेगा। साथ ही सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी किए गए हैं कि अपने संस्थान की आधारभूत सूचना व सुविधाओं के बारे में सभी स्पष्ट व सही सूचना बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करें। सत्यापन के दौरान अगर सूचना गलत पाई गई तो संबंधित संस्थाधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसे देखते हुए प्रमाण पत्रों की जांच भी सही से हो सकेगी। वहीं दिव्यांग भी इस व्यवस्था का लाभ उठाने के लिए प्रक्रिया पूरी करने में जुट गए हैं।

अहम बातें

- यूपी बोर्ड की ओर से वर्ष 2022 की परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया की गई शुरू

- दिव्यांग विद्यार्थियों को स्वकेंद्र परीक्षा देने के लिए 40 प्रतिशत दिव्यांगता का प्रमाण जरूरी

-प्रमाणपत्र नहीं है उनको पांच किलोमीटर की दूरी पर ही मिलेगा केंद्र

- सत्यापन के दौरान सूचना गलत पाई जाने पर संबंधित संस्थाधिकारी के खिलाफ होगी कार्रवाई

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