टिकट काउंटर से दूरी, ई-टिकट बुकिंग बन रही यात्रियों की पहली पसंद

कोरोना संक्रमण काल के बाद से रेलवे में कई परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। इसमें रिजर्वेशन काउंटर पर टिकट बुक कराने वाले यात्रियों की संख्या में भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। भीड़-भाड़ से बचने के लिए यात्रियों की अब पहली पसंद ई-टिकट बुकिंग बन गई है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 07:40 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 07:45 AM (IST)
टिकट काउंटर से दूरी, ई-टिकट बुकिंग बन रही यात्रियों की पहली पसंद
कोरोना संक्रमण काल के बाद से रेलवे में कई परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण काल के बाद से रेलवे में कई परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। इसमें रिजर्वेशन काउंटर पर टिकट बुक कराने वाले यात्रियों की संख्या में भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। भीड़-भाड़ से बचने के लिए यात्रियों की अब पहली पसंद ई-टिकट बुकिंग बन गई है। यही वजह है कि रिजर्वेशन काउंटर पर टिकट आरक्षित कराने वालों की संख्या बढ़ने की जगह घटने लगी है। कोरोना काल के बाद से यात्रियों को भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम की ट्रेन में आरक्षण के लिए इंटरनेट पर उपलब्ध कराई जा रही ई- टिकट प्रणाली ही अधिक रास आ रही है। यही कारण है कि खिड़कियों पर आरक्षण कराने वालों की संख्या बढ़ने की जगह लगातार घट रही है। रेलवे के आंकड़े तो यही बता रहे हैं। पिछले तीन सालों की तुलना में खिड़की से आरक्षण कराने वाले यात्रियों की संख्या में हर माह पांच से सात हजार तक की कमी दर्ज की जा रही है।

घर बैठे ही कर सकते हैं टिकट बुकिंग

कोरोना काल के बाद रेल में सफर करने से पहले रिजर्वेशन कन्फर्म होना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में यात्री टिकट बुकिंग काउंटर पर लाइन में लगने की जगह ई-टिकट बुकिंग को अधिक पसंद कर रहे हैं। इससे यात्रियों का न केवल समय बच रहा है, बल्कि घर या कार्यालय से रेलवे के काउंटरों तक जाने की परेशानी भी नहीं उठानी पड़ रही है।

फायदे के साथ नुकसान

एक ओर ट्रेन में सफर करने को टिकट बुकिंग के लिए भीड़-भाड़ से बचने के लिए यात्रियों को ई-टिकट सुविधा का लाभ मिल रहा है, दूसरी ओर कुछ नुकसान भी हैं। ई- टिकट से कन्फर्म या आरएसी टिकट होने पर ही यात्रा की जा सकती है। जबकि वेटिंग टिकट पर यात्रा करने पर यात्री को बिना टिकट माना जाता है। हालांकि रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर से टिकट खरीदने पर इस समस्या से बचा जा सकता है। ई- टिकट में लिंक टिकट का प्रावधान नहीं है। ब्रेक जर्नी के लिए भी अलग- अलग टिकट बनवाने पड़ते हैं। ई- टिकट को प्रिंटर से टिकट निकालने की जरूरत नहीं है। टीटीई के पूछने पर मोबाइल फोन, लैपटाप पर टिकट दिखाने पर इसे प्रिंटेड टिकट की तरह स्वीकारा जाएगा। यदि यात्रा के दौरान यात्री का मोबाइल फोन या लैपटाप डिस्चार्ज हो जाए और वह टिकट को स्क्रीन पर नहीं दिखा सके तो यात्री को बिना टिकट मान लिया जाएगा।

इनका कहना है

किसी भी असुविधा से बचने के लिए यात्रियों को आनलाइन ई-टिकट सुविधा काफी रास आ रही है। यही कारण है कि यात्री काउंटर पर रहने वाली भीड़ से बचने के लिए ई-टिकट बुकिंग को महत्व दे रहे हैं। इसके चलते काउंटर पर बुकिंग के लिए यात्रियों की संख्या घट रही है।

- संजय शुक्ला, सीएमआई, अलीगढ़

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