Aligarh Panchayat Election: जिलाध्यक्ष को लेकर कांग्रेस में अंतरद्वंद तेज, जानिए क्यों Aligarh News
जिलाध्यक्ष चौ. सुरेंद्र सिंह वालियान पर पार्टी के ही कुछ लोग हमलावर थे। इसकी शिकायत भी पार्टी शीर्ष नेतृत्व से की गई।अब नतीजे आने के बाद गुटबाजी और भी तेज हो गई है। पार्टी की इस दुरगति के लिए पार्टी संगठन को ही पुराने कांग्रेसियों ने जिम्मेदार ठहरया है।
अलीगढ़, जेएनएन। पंचायत चुनाव के बाद कांग्रेस में अंतरद्वंद तेज हो गया है। जिला पंचायत सदस्य चुनाव में कांग्रेस के सभी 25 प्रत्याशी बुरी तरह पराजित हुए हैं। पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल सकी है। पहले से जिले के सभी 47 वार्डों पर प्रत्याशी न उतारने को लेकर जिलाध्यक्ष चौ. सुरेंद्र सिंह वालियान पर पार्टी के ही कुछ लोग हमलावर थे। इसकी शिकायत भी पार्टी शीर्ष नेतृत्व से की गई।अब नतीजे आने के बाद गुटबाजी और भी तेज हो गई है। पार्टी की इस दुरगति के लिए पार्टी संगठन को ही पुराने कांग्रेसियों ने जिम्मेदार ठहरया है।
यह है आंतरिक कलह की वजह
वर्ष 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में बिजेंद्र सिंह का निर्वाचित होना, वर्ष 2007 में स्नातक एमएलसी आगरा खंड से विवेक बंसल की जीत को छोड़ दिया जाए, तो पार्टी पिछले 20 साल से अलीगढ़ में अपने बजूद के लिए संघर्ष कर रही है। तब से तीन लोकसभा चुनाव और तीन ही विधानसभा चुनाव में पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल सकी है। इससे पारंपरिक कार्यकर्ताओं का अब धैर्य जवाब देने लगा है। पंचायत चुनाव में पहले सभी वार्डों पर प्रत्याशी न उतारना व रविवार व सोमवार को आए परिणाम में पार्टी का खाता भी न खुलने से गुटबाजी व अंतरद्वंद और भी तेज हो गया है।पार्टी की करारी हार के बाद कांग्रेस के पूर्व जिला कोआर्डिनेटर राजीव गुप्ता लीडर ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचि व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर अलीगढ़ की पूरी यथास्थिति के बारे में अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान को इस समय आत्म चिंतन करने की जरूरत है, पार्टी को पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह, वरिष्ठ नेता अश्वनी शर्मा सहित अन्य कई पुराने कार्यकर्ता पार्टी को छोड़ कर चले गए हैं। कुछ और छोड़कर कभी भी जा सकते हैं। राजीव गुप्ता लीडर ने प्रियंका गांधी से पत्र में दावा किया है कि जिन लोगों को आपने व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने अलीगढ़ में पार्टी संगठन की जिम्मेदारी दी है, वह लोग अलीगढ़ जिला पंचायत के 47 वार्ड होने पर भी पूरे प्रत्याशी तक नहीं ढूंढ पाए। वह खुद अपने परिवार के सदस्य को प्रधानी तक का चुनाव नहीं जिता पाये। तो वह आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी की सात विधानसभा सीटों पर कैसे कांग्रेस पार्टी को जीत दिला सकते हैं।
प्रत्याशी तक नहीं ढूंढ पाए
लीडर ने कहा कि अलीगढ़ कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेता अपनी साख बचाने के चक्कर में पार्टी को खत्म करने का काम कर रहे हैं। यहां किसी मजबूत प्रत्याशी को नहीं उतारा जाता,30 40 सालों से पार्टी के लिए मेहनत कर रहे निष्ठावान कार्यकर्ताओं की लगातार उपेक्षा की जा रही है उनको पार्टी कार्यक्रमों में व मीटिंग में नहीं बुलाया जाता यदि बुलाया भी जाता है तो उनका निरादर किया जाता है,यदि कोई धरना प्रदर्शन और गिरफ्तारियां दी जाती है तो सैकड़ों निष्ठावान कार्यकर्ता होने के बाद भी 08-10 लोग ही नजर आते हैं इससे पार्टी की काफी बदनामी होती है यह लोग बाहर से आए हुए प्रभारियों को भी मैनेज कर लेते हैं। अपनी उपेक्षा व निरादर होने के कारण जो कार्यकर्ता आज भी तन मन धन से पार्टी के लिए मेहनत करना चाहते हैं वह घर पर बैठे हुए हैं इसका परिणाम पार्टी और संगठन के आज सामने हैं। कांग्रेस नेता राजीव पुत्र लीडर ने अंत में प्रियंका गांधी से निवेदन करते हुए कहा कि अलीगढ़ में उन लोगों पर कार्रवाई की जाए जिन्होंने जिला पंचायत चुनाव की जिम्मेदारी ली थी व संगठन विस्तार कर उन निष्ठावान कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाए जो संगठन में काम करना चाहते हैं जिससे कि आगामी 2022 के विधानसभा चुनावों में पार्टी बेहतर प्रदर्शन कर सके और भारी बहुमत से सरकार बना सके।