प्रदूषण फैला रहे डीजल इंजन आटो प्रशासन के रडार पर, होंगे शहर से बाहर, जानिए क्यों ? Aligarh news
दिल्ली लखनऊ आगरा जैसे महानगरों की तर्ज पर अलीगढ़ से भी स्मार्ट सिटी योजना में प्रदूषण फैलाने वाले वाहन अब प्रशासन के रडार पर आ गए हैं। खासकर धुंआ उगलकर शहर की आवाे-हवा को प्रदूषित कर रहे डीजल इंजन वाले आटो को जल्द शहर से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
अलीगढ़, जेएनएन। दिल्ली, लखनऊ, आगरा जैसे महानगरों की तर्ज पर अलीगढ़ से भी स्मार्ट सिटी योजना में प्रदूषण फैलाने वाले वाहन अब प्रशासन के रडार पर आ गए हैं। खासकर धुंआ उगलकर शहर की आवाे-हवा को प्रदूषित कर रहे डीजल इंजन वाले आटो को जल्द शहर से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। स्मार्ट सिटी योजना के तहत यह प्लान तैयार हो रहा है। 15 वर्ष की आयु पूरी कर चुके वाहनों को भी सड़कों से दूर करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जो जल्द परवान चढ़ेगा।
सीएनजी से संचालित होंगे आटो
शहर में स्मार्ट सिटी योजना में डीजल इंजन वाले आटो की जगह सीएनजी से संचालित आटो को चलाने की प्रक्रिया पर काम हो रहा है। आरटीओ प्रशासन केडी सिंह गौर ने बताया कि विभाग के रिकार्ड के मुताबिक जिले में वर्तमान में 2990 आटो, टेंपो पंजीकृत हैं। इनमें से 2791 डीजल से संचालित हैं तो 26 पेट्रोल व 59 एलपीजी से संचालित हो रहे हैं। डीजल से संचालित वाहनों से सीएनजी की अपेक्षा अधिक प्रदूषण निकलता है।
चाैराहों पर प्रदूषण मापक यंत्र
नगर निगम शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चौराहों पर प्रदूषण मापने के लिए पाल्युशन आधार सिस्टम लगा रहा है। इनसे अलग-अलग इलाकों का एक्यूआइ मापा जा सकेगा। इसके साथ ही शहर में दस बड़े चौराहों पर एन्वायरमेंट सिस्टम से युक्त डिस्पले बोर्ड लगाए जाएंगे। इनकी कमांड कंट्रोलिंग नगर निगम के कंट्रोल रूम से होगी। इन डिस्पले बोर्ड के माध्यम से सरकारी योजनाओं का प्रचार- प्रसार करने के साथ ही पर्यावरण प्रदूूषण से बचाव को जागरुक किया जाएगा। इस सिस्टम के तैयार होते ही प्रदूषण का डाटा प्रशासन के पास आने लगेगा। शहर की वर्तमान दशा को देखते हुए अभी से डीजल संचालित आटो को बाहर कराने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। आरटीओ प्रशासन केडी सिंह गौर ने बताया कि मेट्रो शहरों से लेकर प्रदेश के ही तमाम बड़े शहरों में डीजल- पेट्रोल से संचालित आटो, टेंपो को शहर से बाहर कर दिया गया है। इन वाहनों का संचालन सिर्फ देहात क्षेत्र में ही हो रहा है। यहां भी आने वाले समय में यह प्लान शत- प्रतिशत तौर पर लागू होना है।