अलीगढ़ के जीवनगढ़ में फैला डायरिया-हैजा, दर्जनों बच्चे बीमार

गली नंबर एक में एक बच्चे की हो चुकी है मौत दूषित पेयजल के सेवन से बीमार हो रहे बच्चे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 02:18 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 02:18 AM (IST)
अलीगढ़ के जीवनगढ़ में फैला डायरिया-हैजा, दर्जनों बच्चे बीमार
अलीगढ़ के जीवनगढ़ में फैला डायरिया-हैजा, दर्जनों बच्चे बीमार

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : बरसात के बाद संक्रामक बीमारियों ने बच्चों की सेहत पर धावा बोल दिया है। जीवनगढ़ क्षेत्र में दर्जनों बच्चे उल्टी, दस्त, डायरिया व कालरा (हैजा) की चपेट में हैं। कई बच्चों की मृत्यु होने की सूचना है। कई बच्चों का मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि तमाम बच्चे दूषित पानी पीने से बीमार हुए हैं, जिसकी वजह पाइपलाइन में लीकेज है। लोगों ने पानी की जांच कराने की मांग उठाई है।

बरसात का मौसम संक्रामक बीमारियां भी लेकर आता है। बीमारी का सबसे ज्यादा प्रकोप जीवनगढ़ क्षेत्र में दिख रहा है। यहां काफी संख्या में बच्चे बीमारियों की चपेट में हैं। कई की मृत्यु हो चुकी है। तमाम बच्चों का जिला अस्पताल, दीनदयाल चिकित्सालय व मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है। पिछले दिनों जीवनगढ़ स्थित गली नंबर एक में बच्चे की डायरिया से मौत हुई थी। पहुंचे कांग्रेस नेता : हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल शनिवार को मृतक बच्चे के घर पहुंचे और स्वजन के मिलकर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की। लोगों से बीमारी का कारण जानने के बाद बंसल ने बताया कि इस क्षेत्र में अमृत जल योजना के तहत नई पानी की पाइप लाइन डाली जा रही है। यह विष योजना में परिवर्तित हो गई है। पाइप लाइन लीकेज होने से दूषित पानी घरों में पहुंच रहा है, क्योंकि कार्य अभी तक अधर में लटका है। बंसल ने शासन व प्रशासन ने मृतक बच्चे के परिवार को मुआवजा देने की मांग उठाई। बंसल मेडिकल कालेज भी पहुंचे और इलाज करा रहे बच्चों का हालचाल जाना। उनके साथ क्षेत्रीय पार्षद शाहिद मलिक, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष सलाउद्दीन वसी बाबी, मोहम्मद ताज मेव आदि मौजूद रहे। निलंबित हों अधिकारी,

कानूनी कार्रवाई भी हो

कांग्रेस नेता आगा यूनुस ने कहा है कि जीवनगढ़ में गंदगी को तो बड़ी आसानी से एलेक्टरोलीजर से जांचा जा सकता था। न जाने इस पानी में कितनी केमिकल गंदगी व बैक्टीरिया वायरस है, कहना मुश्किल है। पानी में टोटल डिससोल्व सालिड को भी नहीं जांचा गया। लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। लाल पानी आने पर जल निगम व नगर निगम को तुरंत सूचना दी गई, मगर जांच तक नहीं कराई गई। नतीजतन, एक के बाद एक बच्चे बीमार होते चले गए। बच्चे की मौत के जिम्मेदार ये दोनों विभाग हैं। मामले की न्यायिक जांच कर दोनों विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों पर कानूनी व विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए। अधिकारी तुरंत निलंबित होने चाहिए। शुद्ध पेयजल नहीं मिला तो स्थानीय लोगों के साथ आंदोलन शुरू किया जाएगा। पानी की जांच कराई जाए

स्थानीय लोगों ने बीमारियों फैलने के बाद पानी की जांच कर सभी पैरामीटर सार्वजनिक करने की मांग की है। कहा, मानक अनुरूप पानी लोगों को मिले। सभी संबंधित विभागों की जानकारी में दूषित पेयजल का मामला है, फिर भी कोई कदम नहीं उठाया गया।

.......

पांच-छह दिनों से बीमार बच्चों की संख्या बढ़ी है। जीवनगढ़ से भी बच्चे आ रहे हैं। सभी को उचित इलाज दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग को भी बता दिया गया है।

प्रो. हारिश एम खान, चिकित्सा अधीक्षक, जेएन मेडिकल कालेज

chat bot
आपका साथी