स्टांप शुल्क के 40 करोड़ न मिलने से विकास की थमी रफ्तार, जानिए मामला Aligarh news

अलीगढ़ जागरण संवाददाता। अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) काे पिछले पांच साल से स्टांप शुल्क का भुगतान न होने के चलते शहर में विकास की रफ्तार थम गई है। प्राधिकरण अब न तो कोई नया काम करा रहा है और न ही पुरानों का मरम्मतीकरण कर पा रहा है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 09:22 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 09:44 AM (IST)
स्टांप शुल्क के 40 करोड़ न मिलने से विकास की थमी रफ्तार, जानिए मामला Aligarh news
एडीए काे पिछले पांच साल से स्टांप शुल्क का भुगतान न होने के चलते विकास की रफ्तार थम गई है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) काे पिछले पांच साल से स्टांप शुल्क का भुगतान न होने के चलते शहर में विकास की रफ्तार थम गई है। प्राधिकरण अब न तो कोई नया काम करा रहा है और न ही पुरानों का मरम्मतीकरण कर पा रहा है। पिछले पांच साल से करीब 40 करोड़ का बजट शासन में अटका हुआ है। इसके लिए कई बार शासन में पत्र भी लिख जा चुके हैं, लेकिन अब तक बजट नहीं मिला है। अफसर भी बजट के लिए पैरवी करके करके परेशान हो गए हैं।

पांच साल पहले से एडीएम को नहीं मिल रही धनराशि

जमीनों के बैनामों पर स्टांप शुल्क से दो फीसद की कटौती होती है। यह धनराशि निबंधन विभाग शासन में भेजता है। वहां से इसे तीन हिस्सों में बांटा जाता है। फिर, एक-एक हिस्से को नगर निगम, एडीए व आवास विकास में भेजा जाता है, लेकिन पांच साल पहले से एडीए को यह धनराश मिलनी बंद हो गई है। अब तक करीब 40 करोड़ का बजट लंबित पड़ा हुआ है। इसके लिए कई बार पत्र लिखा गया है, लेकिन अब तक यह धनराशि नहीं आई है। ऐसे में अब एडीए का सालना बजट ही पटरी से उतर गया है।

विकास कार्य थमे 

आर्थिक तंगी के चलते ही प्राधिकरण में विकास कार्य थम गए हैं। पिछले काफी समय से प्राधिकरण ने कोई भी नया काम नहीं कराया है। सड़क, नाली निर्माण से जुड़ी जनता की शिकायतों को भी यहां रद्दी के टोकरे में डाल दिया जाता है। पुराने कामों के भुगतान भी यहां अटके पड़े हैं, लेकिन बजट न होने के चलते पैसे नहीं मिल पा रहे हैं।

कर्मचारियों का वेतन ही निकल रहा

एडीए को अवैध निर्माण पर शमन व नक्शा पास करने से भी आय होती है, लेकिन इस धनराशि से कर्मचारियों का वेतन भी मुश्किल से निकल पाता है। अभियंता भी इस आय को बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं।

इनका कहना है

स्टांप शुल्क के हिस्से के लंबित भुगतान के लिए शासन में कई बार पत्र लिखा जा चुका है। अगर बजट मिल जाता है तो इससे विकास कार्यों में काफी मदद मिलेगी।

अर्जुन सिंह तोमर, प्रभारी सचिव

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