डिप्टी रजिस्ट्रार को मिली अलीगढ़ के बारहसैनी कालेज सोसायटी के चुनाव में अनियमितताएं
डिग्री कालेज की प्रबंध समिति के पदाधिकारियों व कार्यकारिणी सदस्यों ने कार्यभार भी ग्रहण कर लिया। मगर अब डिप्टी रजिस्ट्रार चिट फंड सोसायटी आगरा की ओर से इन चुनावों में अनियमितताएं होने का हवाला देते हुए कार्यकारिणी को कालातीत करार दिया गया है।
अलीगढ़, जेएनएन। 24 दिसंबर 2019 को बारहसैनी कालेज सोसायटी के चुनाव संपन्न कराए गए थे। इसमें एसवी डिग्री कालेज की प्रबंध समिति के पदाधिकारियों व कार्यकारिणी सदस्यों ने कार्यभार भी ग्रहण कर लिया। मगर अब डिप्टी रजिस्ट्रार चिट फंड सोसायटी आगरा की ओर से इन चुनावों में अनियमितताएं होने का हवाला देते हुए कार्यकारिणी को कालातीत करार दिया गया है। साथ ही प्रबंध समिति कार्यकारिणी को निरस्त मानते हुए एक महीने में साधारण सभा के सदस्यों की सूची साक्ष्यों सहित पेश करने के आदेश दिए हैं।
लिहाजा उनका चुनाव लड़ना अमान्य
चुनाव परिणाम आने के बाद विवाद तब खड़ा हुआ जब डीएस कालेज की अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्ष व चुनाव में सदस्य पद पर 1850 वोट पाकर जीतीं डा. इंदू वाष्र्णेय को ये कहकर एसवी कालेज की प्रबंध समिति से ये कहकर बाहर किया गया कि उनके पति एसवी कालेज में कार्यरत हैं, लिहाजा उनका चुनाव लड़ना अमान्य है। उनकी जगह पर उनसे कम वोट पाने वाले को सदस्य पद पर बैठाया गया। डा. इंदू ने कहा कि ऐसा कोई नियम भी नहीं है अौर चुनाव अधिकारी ने भी इसके लिए आपत्ति नहीं लगाई। इसकी शिकायत डा. इंदू ने चिट फंड सोसायटी डिप्टी रजिस्ट्रार के पास भी की। जिस पर 23 फरवरी को ये निर्णय सुनाया गया है।
चुनाव हुए इसलिए कालातीत नहीं
एसवी कालेज प्रबंध समिति के सचिव सीए अतुल गुप्ता ने कहा कि चुनाव कराए गए हैं लिहाजा कालातीत नहीं कहा जा सकता। बताया कि 19 फरवरी को राज्यपाल की ओर से चुनाव को मान्यता देते हुए पत्र भी जारी किया जा चुका है। कहा, हालांकि अभी इस संबंध में पत्र समिति के पास उपलब्ध नहीं हाे सका है।
राज्यपाल के पत्र में कोई जिक्र नहीं
डा. इंदू वाष्र्णेय ने बताया कि 19 फरवरी को चुनाव को मान्य करने संबंधी जो पत्र राज्यपाल की ओर से जारी हुआ है उसमें दिसंबर 2019 को हुए चुनाव के संबंध में कोई जिक्र नहीं है। 2016 के चुनाव में शिकायत हुई थी जिसको मान्य कहते हुए राज्यपाल की ओर से पत्र जारी किया गया है।