डेंगू है ना टायफाइड, बुखार में तेजी से गिर रहे प्‍लेटलेट्स Aligarh news

अलीगढ़ जागरण संवाददाता। जनपद में कोरोना महामारी का प्रकोप थमने के बाद अब मौसमी बीमारियां घर-घर में पनाह ले रही हैं। शहर से लेकर गांव तक बुखार के मरीज हैं। इनमें डेंगू मलेरिया व टायफाइड के भी मरीज भी सामने आ रहे हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 11:43 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 11:43 AM (IST)
डेंगू है ना टायफाइड, बुखार में तेजी से गिर रहे प्‍लेटलेट्स Aligarh news
जनपद में कोरोना महामारी का प्रकोप थमने के बाद अब मौसमी बीमारियां घर-घर में पनाह ले रही हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  जनपद में कोरोना महामारी का प्रकोप थमने के बाद अब मौसमी बीमारियां घर-घर में पनाह ले रही हैं। शहर से लेकर गांव तक बुखार के मरीज हैं। इनमें डेंगू, मलेरिया व टायफाइड के भी मरीज भी सामने आ रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि बुखार के सभी मरीजों की प्लेटलेट्स तेजी से गिर रही हैं, जबकि जांच में न तो डेंगू और मलेरिया की पुष्टि हो रही है और न टायफाइड की। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में भी अब तक करीब 60 डेंगू रोगी ही सामने आए हैं। जबकि, दीनदयाल चिकित्सालय व जिला अस्पताल में ही 150 से अधिक बुखार के मरीज भर्ती हैं।

10 फीसद की रिपोर्ट ही पाजिटिव

हाइटेक पैथोलाजी के संचालक डा. भरत कुमार वार्ष्णेय ने बताया कि रोजाना डेंगू, मलेरिया व टायफाइड के 50-60 संदिग्ध मरीजों की जांच हमारे पास आती है, लेकिन इनमें से मात्र पांच या छह को ही डेंगू (रेपिड किट) की पुष्टि होती है। इसमें में 10 फीसद की एलाइजा रिपोर्ट निगेटिव आने की आशंका रहती। जबकि, प्लेटलेट्स अधिकतर मरीजों की गिरी हुई होती हैं। इससे साफ है कि प्लेटल्टेस गिरने का मतलब, सीधे डेंगू नहीं होता। ग्रामीण क्षेत्र में तो झोलाछाप प्लेटलेट्स गिरते ही डेंगू की पुष्टि कर देते हैं, इससे भय का वातावरण पैदा होता है। यह बुखार का नया स्ट्रेन है या कुछ और, रिसर्च न होने से अभी कुछ स्पष्ट नहीं है।

ये है स्थिति

प. दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय के सीएमएस डा. अनुपम भास्कर ने बताया कि वर्तमान (सोमवार दोपहर तक) में 129 मरीज भर्ती हैं। इसमें 54 मरीज बुखार के हैं। काफी मरीजों की प्लेटलेट्स डाउन आई हैं, लेकिन उनमें डेंगू व मलेरिया के अन्य लक्षण नहीं पाए गए। एहतियातन केवल आठ मरीजों का एलाइजा टेस्ट कराया है। प्रतिदिन 30 से 40 मरीजों की खून की जांच होती है। इनमें 10 से 12 मरीजों में मलेरिया या टायफाइड की पुष्टि हो रही है।

डेंगू जैसा वायरल फीवर

वरिष्ठ फिजीशियन डा. मुकुल वार्ष्णेय का कहना है कि इसे डेंगू लाइक फीवर यानि डेंगू जैसा वायरल फीवर कह सकते हैं। जिस तरह कोरोना के कई स्ट्रेन पाए गए, उसी तरह वायरल फीवर के भी काफी स्ट्रेन हैं, जो वायरस की तरह लोगों पर असर करते हैं, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आती है। इसमें प्लेटलेट्स व ब्लड प्रेशर गिरता है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं। केवल ब्लीडिंग या ब्लड प्रेशर कम होने पर ही मरीज को भर्ती करने की जरूरत पड़ती है। अन्य मरीज, सपोर्टिंव ट्रीटमेंट से ही ठीक हो रहे हैं। ऐसे मरीजों को पानी व फलों का जूस पीने की सलाह दी जाती है।

ये रखे ध्यान - बुखार आने पर खुद से इलाज न करें। - तेज बुखार में केवल पैरासिटामोल ही लें। - झोलाछाप के पास जाकर इलाज न कराएं। - दर्द निवारक दवा या स्टेरायड दवा से घट जाती हैं प्लेटलेट्स - बुखार होने पर स्वास्थ्य केंद्र या विशेषज्ञ के पास जाएं - चिकित्सक की सलाह पर खून की जांच अवश्य कराएं - बुखार में स्वच्छ पानी का सेवन या ओआरएस लेते रहें

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