Death Penalty in Hathras : हाथरस में दुष्कर्म और किशोरी को जिंदा जलाने वाले को फांसी की सजा

Death Penalty in Hathras 13 वर्ष की किशोरी से दुष्कर्म और जिंदा जलाने के आरोपित को विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम प्रतिभा सक्सेना ने फांसी की सजा सुनाई है। करीब ढाई वर्ष पुराने प्रकरण में कोर्ट में अभियुक्त पर एक लाख 65 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 07:58 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 07:58 PM (IST)
Death Penalty in Hathras : हाथरस में दुष्कर्म और किशोरी को जिंदा जलाने वाले को फांसी की सजा
आरोपित को विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम प्रतिभा सक्सेना ने फांसी की सजा सुनाई है।

हाथरस, जागरण संवाददाता। Death Penalty in Hathras : 13 वर्ष की किशोरी से दुष्कर्म और जिंदा जलाने के आरोपित को विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम प्रतिभा सक्सेना ने फांसी की सजा सुनाई है। करीब ढाई वर्ष पुराने प्रकरण में कोर्ट में अभियुक्त पर एक लाख 65 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

यह है मामला

घटना सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की है। पीड़िता के पिता ने इसका मुकदमा 16 अप्रैल 2019 को दर्ज कराया था। इसमें आरोप था कि 15 अप्रैल को वह और पत्नी बाहर गए थे। घर पर उसकी 13 वर्षीय बेटी और सास (पीड़िता की नानी) अकेले थे। रात करीब 10 बजे आरोपित मोनू ठाकुर घर में घुस आया। उसने किशोरी के साथ छेड़छाड़ की। विरोध करने पर उसे मिट्टी का तेल डालकर जला दिया। पीड़िता को गंभीर हालत में अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मोनू ठाकुर के खिलाफ धारा 354, 354ए, 452, 326ए के तहत मुकदमा दर्ज किया। 17 दिन बाद किशोरी की मौत हो गई थी। पुलिस ने किशोरी के मृत्यु पूर्व बयानों के आधार पर मुकदमे में दुष्कर्म और हत्या की धाराएं बढ़ाईं। चार्जशीट दाखिल होने के बाद एडीजे/ विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम प्रतिभा सक्सेना के न्यायालय में सुनवाई शुरू हुई।

अभियाेजन पक्ष से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजपाल सिंह दिसवार ने पैरवी की। कोर्ट ने विद्वान अधिवक्ताओं को सुनने के बाद फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अभियुक्त मोनू ठाकुर को धारा 302 में फांसी की सजा, 50 हजार रुपये जुर्माना, धारा 326ए में सश्रम आजीवन कारावास, 50 हजार रुपये जुर्माना, धारा 376 व 5/6 पोक्सो अधिनियम में सश्रम आजीवन कारावास, 50 हजार रुपये जुर्माना, धारा 354 व 7/8 पोक्सो अधिनियम पांच वर्ष कारावास और 5 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 452 में सात वर्ष कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर आरोपित को अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।

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