दमका बाजार, खुशियां हुईं गुलजार, करवाचौथ को लेकर बाजार में जमकर हुई खरीदारी Aligarh news

करवाचौथ से पहले बाजार दमक उठा। शहर के प्रमुख बाजारों में रौनक बढ़ गई। त्योहार के दो दिन पहले बाजार गुलजार दिखे। शुक्रवार को करवाचौथ के व्रत को लेकर जमकर खरीददारी हुई। महिलाओं ने पूजन के सामान खरीदें। वहीं करवा कपड़े ज्वेलरी आदि की भी खरीददारी की।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 08:10 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 08:18 AM (IST)
दमका बाजार, खुशियां हुईं गुलजार, करवाचौथ को लेकर बाजार में जमकर हुई खरीदारी Aligarh news
अलीगढ़ में करवाचौथ के व्रत को लेकर महिलाओं ने जमकर की खरीदारी।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  करवाचौथ से पहले बाजार दमक उठा। शहर के प्रमुख बाजारों में रौनक बढ़ गई। त्योहार के दो दिन पहले बाजार गुलजार दिखे। शुक्रवार को करवाचौथ के व्रत को लेकर जमकर खरीदारी हुई। महिलाओं ने पूजन के सामान खरीदें। वहीं, करवा, कपड़े, ज्वेलरी आदि की भी खरीदारी की। गिफ्ट गैलरियों में भी खूब भीड़ थी। इससे दुकानदारों के भी चेहरे खिल गए हैं। शाम के समय से बाजारों में महिलाओं ने बड़ी संख्या में मेहंदी लगवाई।

बाजार में आई बहार 

करवाचौथ का पर्व पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखा जाता है। इस बार यह पर्व 24 अक्टूबर को पड़ रहा है। इसके चलते बाजारों में साडिय़ों व सूट की दुकानों पर कुछ चुनिंदा ब्रांड के कपड़ों की साडिय़ों की बहार भी आई है। मामू भांजा मार्केट स्थित श्रीसाईं नाथ साड़ी सेंटर संचालक आशीष माहेश्वरी ने बताया कि सिल्क की साडिय़ों के साथ नेट व एंब्राइडरी की हुई साडिय़ों की भी काफी डिमांड आ रही है। ब्रासो व आरगेंजा कपड़े की साडिय़ों की मांग ज्यादा है। इस समय लाइट एंब्राइडरी का फैशन चल रहा है। जिससे एंब्राइडरी की हुई साड़ी ज्यादा मांगी जा रही हैं। साडिय़ों के अलावा जयपुरी वर्क के सलवार सूट व बनारसी सूट की ओर युवतियों व महिलाओं का काफी रूझान है। सिल्क, नेट की साडिय़ां एक हजार रुपये से शुरू होकर तीन से चार हजार रुपये तक ही ज्यादा बिक रही हैं। वहीं ब्रासो व आरगेंजा कपड़ों की साडिय़ां भी 800 रुपये से लेकर 1600-1700 रुपये की रेंज तक मार्केट में उपलब्ध हैं।

पूजन की सामग्री भी खरीदी

महिलाओं ने पूजन की सामग्री भी खरीदी। करवा, कलेंडर, छलनी, आरती के दीपक आदि की खरीदारी की। साथ ही बाजार में सुंदर थाल भी थे, जिसमें आसानी से पूजन कर सकते हैं। मिट्टी के करवा की तो बाजार में भरमार है, वहीं स्टील के सुंदर करवा भी बाजार में दिखे।

सुबह से शुरू हुई खरीदारी

महिलाओं ने बाजारों में शुक्रवार को साड़ी, सूट, चूड़ी, कंगन, हार आदि की खरीदारी की। सुबह 10 बजे से ही बाजारों में भीड़ लग गई थी। श्रंगार के सामान भी खरीदीं। मामू-भांजा, रेलवे रोड, रामघाट रोड पर खूब भीड़ लगी थी। हालांकि, आर्टिफिशियल ज्वेलरी कुछ महंगी दिखाई दी।

मेहंदी की शुरुआत

करवा के दो दिन पहले से ही महिलाओं ने मेहंदी लगवाने की शुरुआत कर दी। शाम को सेंटर प्वाइंट पर बड़ी संख्या में सुहागिनों ने मेहंदी लगवाई। रामघाट रोड, स्वर्णजयंती नगर, रेलवे रोड आदि बाजार देरशाम तक गुलजार दिखे। महिलाएं मेहंदी आदि लगवाकर रविवार को व्रत की तैयारी करेंगी। कनवरीगंज निवासी तरंग गुप्ता ने बताया कि घरों में तमाम काम होते हैं, इसलिए मेहंदी आदि की तैयारी पहले कर लेते हैं।

क्‍या कहती हैं महिलाएं  

करवाचौथ की तैयारी के लिए बाजार जाना हुआ था। कोरोना काल के बाद मार्केट में काफी नया स्टाक आया है। खरीदारी तो करनी ही थी लेकिन महंगाई काफी बढ़ी है।

हिमानी शर्मा

साड़ी व सलवार सूट की काफी नई रेंज बाजार में मौजूद है। ज्वेलरी में भी नई डिजाइन आई है। जिसे देखकर बिना खरीदारी के नहीं रह सकते हैं। मैंने दो दिन पहले से ही खरीदारी शुरू कर दी है।

सिंधु राठी

करवाचौथ-पैकेज के साथ=कई शुभ संयोग हैं करवाचौथ पर : पूर्णानंदपुरी

वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज ने बताया कि करवाचौथ पर इस बार पांच साल बाद रोहिणी नक्षत्र पड़ रहा है। यह पूजन का सबसे शुभ समय माना जाता है। रविवार तड़के 3.01 बजे से चतुर्थी प्रारंभ हो जाएगी। सोमवार को सुबह 5.43 बजे तक यह तिथि रहेगी पूजन का शुभ मुहुर्त रविवार शाम 6.55 से लेकर रात 8.51 बजे तक रहेगा। इस दिन वृषभ राशि का चंद्रमा अपने सबसे प्रिय नक्षत्र रोहिणी में रहेगा। साथ ही वरियान योग बन रहा है। ये सारी स्थितियां सुख-सौभाग्य में वृद्धि करने वाली हैं। वहीं चंद्रोदय रात 8.27 बजे होगा। स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज ने बताया कि करवाचौथ का व्रत रखने से सिर्फ की आयु लंबी होती है। इस व्रत को करने से जीवन तमाम परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस दिन माता पार्वती, शिवजी और कार्तिकेय का पूजन शुभ माना जाता है। रविवार को गणेशजी की पूजा के बाद निर्जला व्रत का संकल्प लें। पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवा रखें। थाली में धूप, दीप, चंदन, रोली, ङ्क्षसदूर रखें।

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