अलीगढ़ में कूड़े का कोयला पैदा करेगा 'करंट', खरीदेगा पावर कारपोरेशन, जानिए पूरा मामला
शहर में मुसीबत बना कूड़ा अब विकास की मुख्य धारा से जुड़ेगा। कूड़े को रीसाइकिल कर कोयले जैसा पदार्थ बनाया जाएगा। वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में इसी कोयले को जलाकर बिजली पैदा करने की योजना नगर निगम ने बनाई है।
लोकेश शर्मा, अलीगढ़ । शहर में मुसीबत बना कूड़ा अब विकास की मुख्य धारा से जुड़ेगा। कूड़े को रीसाइकिल कर कोयले जैसा पदार्थ बनाया जाएगा। वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में इसी कोयले को जलाकर बिजली पैदा करने की योजना नगर निगम ने बनाई है। बिजली बेचकर न सिर्फ नगर निगम की आय बढ़ेगी, बल्कि एटूजेड प्लांट में पड़े लाखों मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण भी हो सकेगा। हरियाणा के गुरुग्राम की कंपनी इसके लिए यहां प्लांट लगाएगी।
रोज निकतला है 450 मीट्रिक टन कूड़ा
शहर में रोज 450 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। इसमें से 200 टन का ही निस्तारण मथुरा रोड स्थित एटूजेड प्लांट में जैविक खाद के रूप में हो पाता है। बाकी प्लांट में ही एक स्थान पर डंप होता है। 2010 से डंप किए जा रहे कूड़े के अब पहाड़ बन चुके हैं। करीब 10 लाख मीट्रिक टन कूड़ा यहां जमा है। प्लांट की इतनी क्षमता नहीं है कि बेहिसाब कूड़े का निस्तारण कर सके। यहां स्थापित ब्रिक्स प्लांट में ईंट बनाकर कूड़े का निस्तारण होता था। ये प्लांट भी कुछ सालों से बंद है। अब वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में इस कूड़े को खपाने का निर्णय नगर निगम अधिकारियों ने लिया है। प्लांट में कूड़े से कोयला बनाया जाएगा। कूड़े को रीसाइकिल कर जलाने योग्य प्लास्टिक बनाने के काम में आएगा। कोयले जैसा यह प्लास्टिक बेहद ज्वलनशील होता है। वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में इस कोयले का उपयोग बिजली पैदा करने में होगा। लीगेसी वेस्ट (पुराने) का निस्तारण भी हो सकेगा।
दूसरे प्लांट पर भी चल रहा काम
दो अक्टूबर, 2019 को नगर आयुक्त रहे सत्यप्रकाश पटेल ने मथुरा रोड पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की नींव रखी थी। प्लांट स्थापित करने के लिए स्वीडन की कंपनी इकराटोस रीसाइकिलिंग टेक्नोलाजीज प्राइवेट लिमिटेड से करार हुआ। कंपनी को 7.50 एकड़ जमीन 29 साल के लिए एक रुपये प्रति वर्ष के किराये पर उपलब्ध कराई गई। प्लांट में करीब आठ लाख यूनिट बिजली पैदा करने का दावा कंपनी के प्रतिनिधियों ने किया था, इस प्लांट पर भी काम चल रहा है। इसमें बनने वाली बिजली को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन खरीदेगा।
सफाई व्यवस्था पर एक नजर
इनका कहना है
एटूजेड प्लांट में फिलहाल जैविक खाद के रूप में कूड़े का निस्तारण हो रहा है। काफी मात्रा में कूड़ा प्लांट में जमा है, जो कोयला बनाने के काम आएगा। यही कोयला बिजली पैदा करने के लिए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में खपाया जाएगा।
गौरांग राठी, नगर आयुक्त