कोरोना के कहर से बचने को ग्रामीण क्षेत्रों में भी बनेंगे कोविड केयर सेंटर Aligarh news

ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का प्रकोप बढ़ने व संसाधनों के अभाव को देखते हुए अहम पहल की जा रही है। अब ग्रामीण स्तर पर केयर सेंटर हेल्थ सेंटर और हास्पिटल बनाए जाएंगे जो पूर्णतया कोविड को समर्पित होंगे।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 06:37 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 08:45 AM (IST)
कोरोना के कहर से बचने को ग्रामीण क्षेत्रों में भी बनेंगे कोविड केयर सेंटर Aligarh news
ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का प्रकोप बढ़ने व संसाधनों के अभाव को देखते हुए अहम पहल की जा रही है।

अलीगढ़, जेएनएन ।  ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का प्रकोप बढ़ने व संसाधनों के अभाव को देखते हुए अहम पहल की जा रही है। अब ग्रामीण स्तर पर केयर सेंटर, हेल्थ सेंटर और हास्पिटल बनाए जाएंगे, जो पूर्णतया कोविड को समर्पित होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से बचाव प्राथमिक स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों, इसके लिए जल्द कवायद शुरू होगी। 

कोरोना के मामले शहरी क्षेत्र में ज्‍यादा मिल रहे

पूर्व में कोरोना के अधिकतम मामले शहरी क्षेत्रों में ही देखने को मिल रहे थे, मगर बाद में यह ग्रामीण क्षेत्रों में फैल गया। इसे रोकने के लिए वर्तमान में ग्रामीण स्तर पर एएनएम, बेसिक हेल्थ वर्कर, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार आदि लक्षण वाले लोगों को डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग कराई जा रही है। संदिग्ध मरीजों की जांच के साथ दवा भी दी जा रही है। अब कोविड केयर सेंटर बनाने की दिशा में काम हो रहा है। सरकार ने ग्रामीण स्तर पर बनाई जाने वाले इन केंद्रों की रूपरेखा तैयार कर ली गई है।

30 बेड का होगा कोविड केयर सेंटर

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देश के अनुसार कोविड केयर सेंटर 30 बेड का होगा। यहां लक्षण विहीन या हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को उपचार के लिए रखा जाएगा। यह एक तरह का आइसोलेशन वार्ड होगा। जिन गांव के घरों में आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं, उन मरीजों को यहां रखा जाएगा, ताकि परिवार के अन्य लोगों को संक्रमण से बचाकर कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके। सेंटर में मरीजों की सांस संबंधी समस्या और आक्सीजन स्तर की निरंतर मानीटरिग की जाएगी। यह केंद्र परिषदीय स्कूल, पंचायत घर या सामुदायिक भवन आदि में बनाए जाएंगे। मरीज को 10 दिन बाद आइसोलेशन से बाहर आने की इजाजत दी जाएगी। अगर तीन दिन तक उन्हें बुखार न आए तो ग्राम स्तर पर स्वच्छता का खास ध्यान रखा जाएगा।

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