कोरोना ठीक होने के बाद भी खांसी, कराएं टीबी की जांच Aligarh news
जनपद में टीबी के साथ-साथ अगर कोविड हो जाए तो फेफड़ों पर बहुत असर पड़ता है । फेफड़ों के टीबी मरीज के लिए कोविड का होना कभी परेशान कर सकता है । टीबी के साथ कोविड होने पर जटिलताएं बढ़ जाती है।
अलीगढ़, जेएनएन : जनपद में टीबी के साथ-साथ अगर कोविड हो जाए तो फेफड़ों पर बहुत असर पड़ता है । फेफड़ों के टीबी मरीज के लिए कोविड का होना कभी परेशान कर सकता है । टीबी के साथ कोविड होने पर जटिलताएं बढ़ जाती है। इसलिए टीबी व कोरोना संक्रमित मरीज के साथ उसके स्वजन को भी सतर्क रहना होगा। कोरोना ठीक होने के बाद भी खांसी खत्म नहीं होती तो टीबी की जांच जरूर करानी चाहिए।
कोविड के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनुपम भास्कर ने बताया कि टीबी मरीज को घर में भी डबल मास्क लगाकर ही परिवार के अन्य सदस्यों से बात करनी है, परिवार के किसी भी सदस्य में अगर कोविड का लक्षण नजर आए तो उसे तुरंत कोविड जांच करवानी है। ऐसा न करने से अगर कोविड हुआ और घर का टीबी मरीज संपर्क में आ गया तो जान का खतरा हो सकता है। घर में टीबी मरीज हो तो कोविड की जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए । घर को हवादार बनाए रखें । खिड़की और दरवाजे को भी खुला रखें। टीबी मरीजों को इलाज और दवा के लिए घर से निकलने की आवश्यकता नहीं है । विभाग द्वारा एक माह की दवा उनके घर पहुंचायी जा रही है । अगर किसी भी टीबी मरीज की दवा खत्म होने वाली है तो वह क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता के माध्यम से सूचना देकर एक माह की दवा प्राप्त कर लें ।
इन परिस्थितियों में भी टीबी जांच आवश्यक
डा. भास्कर ने बताया कि अगर कोई कोविड मरीज ठीक हो जाता है और उसकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है। फिर भी दो हफ्ते से अधिक की खांसी नहीं रुक रही है, तो उसकी टीबी जांच अवश्य कराई जानी चाहिए । कोविड के लक्षण वाले व्यक्ति की जांच कराने पर अगर रिपोर्ट नेगेटिव है तब भी टीबी जांच अवश्य करवा लें । जिला अस्पताल में टीबी की मुफ्त जांच की सुविधा है। यदि किसी मरीज में टीबी की पुष्टि होती है तो ना केवल उसका निःशुल्क इलाज होगा, बल्कि 500 रुपये प्रति माह पोषण के लिए उसके खाते में भी भेजे जाएंगे ।