मदद के लिए कार्यालयों के चक्कर काट रहा कोरोना योद्धा का परिवारAligarh News
कोरोना योद्धा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मुंद्रा शर्मा के स्वजन को स्वीकृति के तीन महीने बाद भी प्रशासन मुआवजा राशि नहीं सका। ऐसे में पैसे न मिलने के चलते स्वजन तहसील से लेकर कलक्ट्रेट तक के चक्कर लगा-लगा के परेशान हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना योद्धा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मुंद्रा शर्मा के स्वजन को स्वीकृति के तीन महीने बाद भी प्रशासन मुआवजा राशि नहीं सका। ऐसे में पैसे न मिलने के चलते स्वजन तहसील से लेकर कलक्ट्रेट तक के चक्कर लगा-लगा के परेशान हैं। एक साल में तो प्रशासन ने इन्हें कोरोना योद्धा ही माना है। अब यह परिवार मदद के लिए भटक रहा है।
यह है मामला
मुंद्रा शर्मा के भाई हरि प्रसाद शर्मा ने बताया कि उनकी बहन निवासी पिसावा गभाना बाल विकास पुष्टाहार विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद तैनाती थीं। कोरोना काल में इनकी ड्यूटी निगरानी समितियों में लगाई गई थी। राशन व पुष्टाहार वितरण के साथ ही डोर टू डोर सर्वे करने की जिम्मेदारी भी इन्हीं की थी। इन्होंने सभी कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। पिछले साल 2020 में 17 जून को मुंद्रा शर्मा को बुखार आना शुरू हुआ। स्वजन ने स्थानीय स्तर पर उपचार कराया, लेकिन 28 जून को इनकी तबियत अचानक से बिगड़ने लगी। स्वजन इन्हें यहां से खुर्जा लेकर गए। वहां से दिल्ली रेफर कर दिया गया। जांच में यह कोरोना संक्रमित मिली। इसके बाद 4 जुलाई 2020 को दिल्ली में कोरोना के चलते इनकी मौत हो गई। स्वजनों ने कोरोना प्राटोकोल के तहत इनका अंतिम संस्कार कर दिया।
एक साल हुए परेशान
उन्होंने बताया कि मौत के एक महीने बाद चार अगस्त को स्वजन ने सरकार की तरफ से कोरोना योद्धाओं को दिए जाने वाले मुआवजे के लिए आवेदन किया। इन्हें 50 लाख का मुआवजा मिलना था। तहसील से लेकर जिला स्तर तक कई अलग-अलग आवेदन किए, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। विभागीय अफसर एक दूसरे के पाले में डालते रहे। अब स्वजन के प्रयासों से एक साल 13 जुलाई 2021 को धनराशि स्वीकृत हुई, लेकिन अब तक यह पैसा स्वजन के पास नहीं आया है । स्वजन पहले स्वीकृति के लिए परेशान थे और अब धनराशि लेने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। हरि प्रसाद शर्मा ने आरोप लगाया कि अन्य मामलों में प्रशासन ने समय से पहले ही भुगतान कर दिया है।