अभी खत्म नहीं हुआ कोरोना का संक्रमण, पहले की तरह बरतें सावधानी Aligarh news
जनपद में कुछ लोग अभी से कोरोना को खत्म मानकर लापरवाही बरतने लगे हैं जबकि अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है केवल संक्रमण दर घटी है। अभी भी रोजाना 30-35 मरीज सामने आ रहे हैं। कोरोना की चेन बनने के लिए इतने मरीज काफी हैं ये बात सभी जानते हैं।
अलीगढ़, जेएनएन । जनपद में कुछ लोग अभी से कोरोना को खत्म मानकर लापरवाही बरतने लगे हैं, जबकि अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है, केवल संक्रमण दर घटी है। अभी भी रोजाना 30-35 मरीज सामने आ रहे हैं। कोरोना की चेन बनने के लिए इतने मरीज काफी हैं, ये बात हर कोई जानता है। फिर भी लोग कोविड प्रोटोकाल का पालन नहीं कर रहे। लिहाजा, स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सचेत किया है कि अभी पहले की तरह सावधानी बरतते रहें। पहली लहर के दौरान भी लोगों ने यही गलती की, जिसका खामियाजा बड़े रूप में भुगतना पड़ा।
सब्जी मंडियों मेें भीड़ ने बढ़ाई चिंता
शहर की सब्जी मंडियों में लगातार लापरवाही बरती जा रही है। क्वार्सी, दुबे पड़ाव, धनीपुर समेत अन्य स्थानों पर सुबह के समय खूब भीड़ लग रही है। यहां पर शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। बिना मास्क के भी लोग दिख रहे हैं। यहां पर कोरोना की रोकथाम के लिए कोई उपाए नहीं किए जा रहे हैं। बता दें कि सब्जी मंडी से ही कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई।
दवा की जगह बीमारी न आ जाए
शहर के हास्पिटल, क्लीनिक, मेडिकल स्टोर, लेब आदि पर मरीजों की भीड़ रहती है, लेकिन शारीरिक दूरी का खूब उल्लंघन हो रहा है। कहीं भी सैनिटाइजेशन का ध्यान नहीं रखा जा रहा। कुछ मेडिकल स्टोर संचालकों ने जरूर दुकान के सामने खाली कार्टून रखकर शारीरिक दूरी बनाने का प्रयास किया है, लेकिन उससे केवल उनकी अपनी सुरक्षा हो रही है, ग्राहकों की नहीं। अफसरों को यहां पर सख्ती के साथ पालन कराना होगा। तभी कोरोना संक्रमण से जीत पाई जा सकती है।
ई-रिक्शा व टेंपो चालकों की मनमानी
शहर के रोडवेज बस स्टैंड से बसें लगातार चल रही है, लेकिन कुछ शर्तों के आधार पर ही बसों को चलाने की अनुमति मिली है। बसों में 30 फीसद सवारियों को बैठाने का नियम है। सैनिटाइजर का इंतजाम भी होना चाहिए। आटो और ई-रिक्शा में तीन से अधिक सवारियों को बैठाने पर कार्रवाई होगी। हैरानी की बात ये है कि ये आदेश केवल कागजों में सिमट कर रह गए हैं।
अनावश्यक घर से बाहर
अभी भी तमाम लोग अनावश्यक घर से बाहर निकल रहे हैं। कुछ मास्क का प्रयोग कर रहे हैं, कुछ नहीं। ऐसे लोगों के लिए शारीरिक दूरी का नियम भी कोई मायने नहीं रखता। सबसे ज्यादा शहर को इन्हीं लोगों से है, जो कोविड प्रोटोकाल या लाकडाउन का पालन नहीं कर रहे।