अलीगढ़ में कोरोना का कहर, अब तक 190 संक्रमित मिले, 18 मरीजों की मौत

अलीगढ़ में कोरोना वायरस संक्रमण के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी कम नहीं है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 12:36 AM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 01:09 AM (IST)
अलीगढ़ में कोरोना का कहर, अब तक 190 संक्रमित मिले,  18 मरीजों की मौत
अलीगढ़ में कोरोना का कहर, अब तक 190 संक्रमित मिले, 18 मरीजों की मौत

अलीगढ़ (जेएनएन)।  अलीगढ़ में कोरोना का कहर जारी है। अब तक जिले में 190 संक्रमित मिल चुके हैं। 18 की मौत हो चुकी है। 96 सही हुए हैं, जबकि 76 का इलाज चल रहा है। 

एक तरफ जनजीवन फिर से पटरी पर दौडऩे लगा है, वहीं कोरोना संक्रमित भी तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। रियल स्टेट कारोबारी शेखर सर्राफ के बेटे समेत 11 मरीजों ने कोरोना को हरा दिया। सभी मरीज डिस्चार्ज होकर घर पहुंच गए।  हालांकि, शुक्रवार को चार और मरीज संक्रमित पाए गए। इनमें से चार माह की नवजात की देर शाम जेएन मेडिकल कॉलेज में हो गई। इसकी दिन में रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 

यह मासूम मथुरा रोड स्थित अहमदनगर निवासी एक महिला की थी। इसमें पिछले दिनों स्थानीय नर्सिंग होम में बच्ची को जन्म दिया। दोनों की कोविड-19 जांच कराई गई। मां तो निगेटिव थी, मगर मासूम संक्रमित पाई गई। इसकी रिपोर्ट दोपहर आई। तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। दोपहर बाद हालत गंभीर थी। देर शाम मासूम ने दम तोड़ दिया। 

पला रोड के कृष्ण विहार निवासी व्यक्ति की छह वर्षीय बेटी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। वह टायफाइड से ग्रस्त थी। इसके लिए स्वजनों ने दिल्ली के अलावा कई वैद्य का इलाज भी कराया। संभवत: वहीं से उसे संक्रमण हुआ। इसके अलावा सेंटर प्वाइंट स्थित साड़ी शोरूम के मालिक के  35 वर्षीय बेटे की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। यह रामघाट रोड स्थित होटल में पार्टनर है। पता चला है कटरा निवासी जिस व्यापारी की मौत हुई, उससे मरीज का गहरा संबंध था, हालांकि वह निगेटिव आए थे। वहीं, सराय हकीम स्थित 70 वर्षीय फर्नीचर विक्रेता की सात-आठ दिनों से तबीयत खराब थी। दो दिन पूर्व उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। 

सही होने पर बरसाए फूल  

रियल स्टेट कारोबारी शेखर सर्राफ का पूरा परिवार कोरोना संक्रमित हो गया था। सभी का दिल्ली के बत्रा हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। इनके बेटे के अलावा माणिक चौक की 10 वर्षीय बालिका, 45 वर्षीय व 60 वर्षीय दो अन्य महिलाएं, तुर्कमान गेट की 50 वर्षीय महिला, अकराबाद के गांव बहादुरपुर  का 12 वर्षीय बालक, कैथवारी का 25 वर्षीय युवक व उसकी एक वर्षीय भतीजी, लोधी विहार के 24 वर्षीय युवक व 24 वर्षीय महिला को डिस्चार्ज दिया गया। टनटनपड़ा का 24 वर्षीय युवक को भी घर भेजा गया है। सभी पर फूल बरसाए गए। स्वस्थ्य हुए लोगों ने डॉक्टरों व स्टाफ के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। उनके स्वास्थ्य के लिए भी ईश्वर से प्रार्थना की। 

व्यापारी परिवार में तीन मौतें 

कोरोना के कहर के बीच एक और व्यापारी परिवार में तीन मौतेें हो गई हैैं। गंभीरपुरा व द्वारिकापुरी में रहने वाले तीन सगे भाइयों की 15-16 दिन के भीतर मौत हो गई। तीनों की की अचानक रात में तबीयत बिगड़ी और जांच में मृत घोषित हो गए। कोविड जांच में एक भाई पॉजिटिव व दो निगेटिव पाए गए। दीनदयाल अस्पताल में भर्ती उनकी एक बहन पॉजिटिव हंै। एक भाई जिला अस्पताल में  तो परिवार के करीब 10 लोग होम क्वारंटाइन हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। 

यह है हालात 

कनवरी गंज में तीन भाइयों की मौत पांच दिन के अंदर हुई थी, तीनों की रिपोर्ट निगेटिव थी। हालांकि उन्हें सांस लेने मेें और हार्ट की दिक्कत हुई थी। अब एक और व्यापारी परिवार भी ऐसा ही है। गंभीरपुरा के 56 वर्षीय हार्डवेयर कारोबारी की तबीयत खराब होने पर स्वजन 13 मई को मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। कोरोना का शक होने पर सैंपल लेकर शव सुरक्षित रखा। 15 को पॉजिटिव रिपोर्ट आई। द्वारिकापुरी निवासी उनके दो साल बड़े भाई राजेश गुप्ता की बड़ा बाजार में रेडीमेड शॉप है। उनकी 21 मई को तबीयत बिगड़ गई। रात में मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां मृत घोषित कर दिया। 23 को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। यह परिवार अभी दो मौतों से उबरा भी नहीं था, 30 मई को छोटे भाई दिलीप (49) की तबीयत बिगडऩे लगी। उन्हें भी रात में मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, उन्हें भी मृत घोषित कर दिया। परिवार में तीन मौत से कोहराम मच गया। 

चौथा भाई और बहन भी भर्ती 

परिजनों ने बताया कि हमारी एक बहन गूलर रोड पर रहती हैं। तीसरे भाई की मृत्यु के तुरंत बाद उनकी जांच कराई गई, तो वे पॉजिटिव आईं। बहन की बेटियों समेत चार लोगों के सैंपल लिए गए हैं। परिवार के पांच-छह अन्य लोगों की भी जांच रिपोर्ट अभी तक लंबित हैं। 

उठाया सवाल,  परिवार की रिपोर्ट में भी देरी क्यों

व्यापारी परिवार में दुख है। दो लोग अस्पताल में भर्ती हैैं, परिजन कहते हैैं कि उनकी रिपोर्ट को लेकर स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य इतनी लापरवाही कैसे बरत सकता है? रिपोर्ट न आने से पूरा परिवार बेचैन है। वहीं यह सवाल उठ रहे हैैं कि दो भाइयों की मौत का कारण क्या रहा? 

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