शासनादेश के उलट हाे रहा स्कूलों का संचालन, आखिर किसका है दबाव, जानिए विस्‍तार से Aligarh News

अधिकारी नेता बाबू कोई भी हो हर कोई अपने-अपने अधीनस्थों को दबाव में ले लेता है। कभी अपने पद का रौब दिखाकर तो कभी किसी खामी को लेकर। मगर जब बात शासनस्तर की हो तो दबाव बनना किसी बड़े रसूख वालों का ही काम होता है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 02:28 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 02:28 PM (IST)
शासनादेश के उलट हाे रहा स्कूलों का संचालन, आखिर किसका है दबाव, जानिए विस्‍तार से Aligarh News
हर कोई अपने-अपने अधीनस्थों को दबाव में ले लेता है।

अलीगढ़, जेएनएन। अधिकारी, नेता, बाबू कोई भी हो हर कोई अपने-अपने अधीनस्थों को दबाव में ले लेता है। कभी अपने पद का रौब दिखाकर तो कभी किसी खामी को लेकर। मगर जब बात शासनस्तर की हो तो दबाव बनना किसी बड़े रसूख वालों का ही काम होता है। ऐसा ही वाकया बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के संचालन के मामले में भी सामने आ रहा है। जहां शासन के आदेशों को ताक पर रखकर स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। मगर शिक्षाधिकारी तमाम कोशिशों के बाद भी शासन के आदेशों का पालन नहीं करा पा रहे हैं।

हेडमास्‍टर चार्ज छोड़ने को तैयार नहीं 

दरअसल, बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के मामले में शासन से करीब दो साल पहले आदेश आया था कि किसी भी जिलेे में एक ही परिसर में संचालित हो रहे प्राथमिक विद्यालय व उच्च प्राथमिक विद्यालयों का एक में ही विलय कर वहां एक प्रधानाध्यापक को चार्ज दिया जाएगा। इस काम शुरू हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों के एक ही परिसर में संचालित दो या उससे अधिक लगभग सभी स्कूलों को संविलित कर कंपोजिट विद्यालय का नाम दिया गया। संविलियन की प्रक्रिया ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में तो पूरी कर ली गई। मगर नगर क्षेत्र के करीब 30 से 35 ऐसे स्कूल अभी भी हैं जो एक ही परिसर में संचालित हो रहे हैं लेकिन उनका संविलियन नहीं किया जा सका है। नगर क्षेत्र में कुछ स्कूलों को संविलित करने का काम किया गया तो वहां के हेडमास्टर अपना चार्ज छोड़ने को तैयार नहीं हैं। एक ही परिसर में अगर दो या तीन विद्यालय संचालित हैं तो जूनियर हाईस्कूल वाले प्रधानाध्यापक को प्राथमिक विद्यालय वाले प्रधानाध्यापक अपना चार्ज नहीं सौंप रहे। अफसरों तक शिकायत पहुंची तो हस्तक्षेप किया गया। मगर नतीजा वही ढाक के तीन पात ही रहा। जिले में नगर क्षेत्र मेें एक ही परिसर में संचालित हो रहे ऐसे विद्यालयों को दो साल में भी कंपोजिट विद्यालय नहीं किया जा सका।

संविलियन का काम जल्‍द पूरा होगा

विभागीय सूत्रों के अनुसार अफसरों पर राजनैतिक दबाव के चलते ये काम नहीं हो पा रहा है। पूर्व बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय भी नगर क्षेत्र में संविलियन कराए बगैर ही लखीमपुर खीरी में स्थानांतरित हो गए। अब नए आए बीएसए इस संबंध में कितनी कार्रवाई करा पाएंगे? ये तो वक्त ही बताएगा। नवागत बीएसए सत्येंद्र कुमार ढाका ने कहा कि एक ही परिसर में संचालित दो या उससे अधिक विद्यालयों को संविलित कर एक विद्यालय ही करना है। इस संबंध में शासन के आदेश भी हैं। अभी चार्ज लिया है, इस संबंध में नगर क्षेत्र के ऐसे स्कूलों की सूची निकलवाएंगे, जल्द ही इनके संविलियन का काम पूरा कराया जाएगा।

chat bot
आपका साथी