कांग्रेसियों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन Aligarh News
कांग्रेस के पूर्व बिजेंद्र सिंह ने केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार से सवाल किए हैैं कि फसल उत्पादन के समय क्रय केंद्र व न्यूनतम समर्थन मूल्य कहां चला जाता है? क्या देश में कहीं मक्का-बाजरा सरकारी मूल्य पर खरीदे गए?
अलीगढ़ जेएनएन : कांग्रेसेियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और गुस्से का इजहार किया।इस दौरान कांग्रेसियों ने लक्ष्मीबाई मार्ग व अमीरनिशां दोदपुर पहुंचकर दुकानों को बंद कराया। किसानों की लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर उतरने का एलान किया। कांग्रेसेियों ने ने कहा कि भाजपा सरकार से हर वर्ग परेशान है।
भाजपा सरकार से हर वर्ग परेशान
कांग्रेसेियों ने ने कहा कि भाजपा सरकार से हर वर्ग परेशान है। कांग्रेसी लक्ष्मीबाई मार्ग पहुंचे और दुकानदारों से समर्थन मांगा। काफी दुकानदारों ने प्रतिष्ठान बंद कर दिए। कांग्रेसियों ने कुछ दुकानों के शटर स्वयं गिरा दिए।कांग्रेसेियों ने ने कहा कि भाजपा सरकार से हर वर्ग परेशान हैं। यहां से कांग्रेसी अमीरनिशां दोदपुर पहुंचे। दुकानदारों को समझाकर प्रतिष्ठान बंद कराए। इस मौके पर राजेंद्र सिंंह, शाहरुख खान, अनिल ङ्क्षसह चौहान, अमजद हुसैन, प्रदीप रावत, नवेद खान, एसएम शहरो, नीतेश कुमार, शाहिद खान मौजूद रहे।
समर्थन में नारेबाजी
जिला व युवक कांग्रेस ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर किसान आंदोलन का समर्थन किया। जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह ने कहा कि किसान अब खुद को अकेला न समझें, कांग्रेस उनकी लड़ाई में साथ है। युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पंडित कपिल शर्मा ने कहा कि किसानों को बर्बाद करने के लिए यह काला कानून लाया गया है। अनवर अकील, इरशाद सलीम, शेरपाल सविता, एनएसयूआइ से आकाश मर्सी, मोहित बंसल, दिनेश शर्मा, उदित अग्रवाल, संगीता राजपूत, अनीता करोतिया ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
बिल लाकर किसानों का गला दबा रही है सरकार
कांग्रेस के पूर्व बिजेंद्र सिंह ने केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार से सवाल किए हैैं कि फसल उत्पादन के समय क्रय केंद्र व न्यूनतम समर्थन मूल्य कहां चला जाता है? क्या देश में कहीं मक्का-बाजरा सरकारी मूल्य पर खरीदे गए? कहा है कि उत्पादन के समय किसान कम कीमत पर फसल बेचने को मजबूर होता है। उद्योगपति बैंकों से कर्जा लेकर उत्पादन को खरीदकर स्टॉक कर लेते हैं। कुछ समय बात बाजार में दोगुनी कीमत पर बेचते हैं। डीजल, बिजली व कीटनाशक की बढ़ी दर से किसान पहले ही परेशान है, अब कृषि बिल लाकर उसका गला दबाया जा रहा है।