Congress Politics: विधानसभा सीट व दावेदारों की टोह ले रही प्रियंका की खुफिया टीम Aligarh News

उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस बेहद गंभीर है। राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी के नेतृत्व में कांग्रेस योजनाबद्ध व प्रभावी रणनीति के साथ चुनावी महासमर में उतरेगी। हल्के प्रत्याशियों को चुनाव में मौका नहीं मिलेगा।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 08:25 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 08:25 AM (IST)
Congress Politics: विधानसभा सीट व दावेदारों की टोह ले रही प्रियंका की खुफिया टीम Aligarh News
प्रियंका वाड्रा ने खुद यहां की कमान संभाली है।

अलीगढ़, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस बेहद गंभीर है। राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी के नेतृत्व में कांग्रेस योजनाबद्ध व प्रभावी रणनीति के साथ चुनावी महासमर में उतरेगी। हल्के प्रत्याशियों को चुनाव में मौका नहीं मिलेगा। दावेदार ही नहीं, हर सीट के सभी चुनावी समीकरणों की गोपनीय जांच कराई जा रही है। इसके लिए प्रियंका की खुफिया टीमें सभी जनपदों में उतर चुकी हैं। अलीगढ़ भी पांच दिनों से यह टीम डेरा डाले हुए है। यह टीम न तो पार्टी नेताओ से कोई सुझाव ले रही है और न सलाह। दावेदारों की टोह के साथ रिपोर्ट को सीधे हाईकमान को सौंपेगी।

प्रियंका गांधी ने सभाली कमान

अलीगढ़ जनपद में सात विधानसभा सीटें हैं। सभी सीटों पर भाजपा का ही कब्जा है। वर्तमान में कांग्रेस के लिए यहां सूखे की स्थिति है। अन्य जनपदों में भी हालात जुदा नहीं। इसकी एक वजह कमजोर संगठन भी है, लेकिन दूसरी वजह कमजोर प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाना भी रहा है। विगत के कई चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशियों को अपनी जमानत तक गंवानी पड़ी हैं। जबकि, कांग्रेस ही नहीं, सभी दलों के लिए यूपी जीतना बहुत जरूरी है। ऐसे में प्रियंका वाड्रा ने खुद यहां की कमान संभाली है। हर जनपद में खुफिया टीम भेजी गई है। यह टीम चुनावी सर्वे व प्रबंधन से जुड़ी एक पेशवर कंपनी से हायर की गई हैं।

प्रत्याशी चयन में सावधानी

प्रियंका की खुफिया टीम ने अलीगढ़ में पहुंचकर कार्य शुरू कर दिया है। इस टीम ने पहले विधानसभावार जातिगत आंकड़े जुटाने शुरू किए हैं। इन सीटों पर टिकट मांगने वाले सभी संभाविद दावेदारों की सूची बनाकर उनकी छानबीनी शुरू कर दी है। इसमें दावेदार का जनाधार, सामाजिक गतिविधि, आर्थिक स्थिति, संगठन पर पकड़, इंटरनेट मीडिया पर सक्रियता, पुराना राजनैतिक इतिहास समेत उन सभी बिंदुओं पर जांच हो रही है, जो जीत के लिए आवश्यक फैक्टर हैं। टीम के आने से दावेदारों की धड़कने बड़ी हुई हैं। कई नेता तो टीम की नजर में आने के लिए धरना-प्रदर्शन व ज्ञापन की राजनीति करने लगे हैं, लेकिन उनकी राह आसान नहीं।

दावेदारों से 11 हजार रुपये का ड्राफ्ट

चुनावों में कई बार नेता बिना किसी आधार या जनाधार के केवल चर्चा पाने के लिए दावेदारी प्रस्तुत कर देते हैं। इससे प्रत्याशियों के चयन की पूरी प्रक्रिया में बाधा पहुंचती है। इस बार ऐसा नहीं होगा। आवेदन के लिए दावेदारों को जेब ढीली करनी पड़ेगी। दावेदार को आवेदन के साथ सहयोग राशि के रूप में 11 हजार रुपये का डिमांड ड्राफ्ट, रियल टाइम ग्रोस सेटलमेंट (आरटीसीजी) या पे आर्डर की रसीद 25 सितंबर तक जमा करनी होगी। प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इस संबंध पत्र जारी किया है।

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