जटिल है लेकिन सुरक्षित है ब्रेन सर्जरी, जानिए-क्या कहते हैं विशेषज्ञ Aligarh news
हर कोई यही सोचता है कि सर्जरी का परिणाम पता नहीं क्या होगा? हां ये सर्जरी जटिल तो जरूर है लेकिन सुरक्षित भी है। आमतौर पर ब्रेन सर्जरी सिर की चोट ब्रेन ट्यूमर और ब्रेन हैमरेज के लिए की जाती है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता । ब्रेन सर्जरी के बारे में सोचकर ही हम डर जाते हैं। हर कोई यही सोचता है कि सर्जरी का परिणाम पता नहीं क्या होगा? हां, ये सर्जरी जटिल तो जरूर है, लेकिन सुरक्षित भी है। आमतौर पर ब्रेन सर्जरी सिर की चोट, ब्रेन ट्यूमर और ब्रेन हैमरेज के लिए की जाती है। बीमारी की शीघ्र जांच के बाद एमआरआई, न्यूरो-कैथलैब, माड्यूलर आपरेशन थिएटर और न्यूरो-आईसीयू जैसी सुविधाओं से अच्छी तरह से लैस अस्पताल में सर्जरी की जाए तो खतरा बिल्कुल नहीं। यह कहना है कि नोएडा स्थित फोर्टिस अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग के निदेशक डा. राहुल गुप्ता का ।
सुरक्षित जांच सबसेे ज्यादा जरूरी
डा. राहुल ने जागरण को बताया कि आधुनिक गैजेट्स, सर्जरी की नई तकनीकों और मल्टी-डिसीप्लिनरी टीम वर्क होने से ऐसे मामलों में जल्द रिकवरी सुनिश्चित होती है। मस्तिष्क संबंधी अधिकांश बीमारियों के लिए (एमआरआई और इसके नए प्रोटोकाल) यह सबसे अधिक जानकारी पूर्ण और सुरक्षित जांच है। नए प्रोटोकाल (फंक्शनल एमआरआई, ट्रैक्टोग्राफी आदि) सूचना की गति और गुणवत्ता को बढ़ाते हैं और इसलिए शीघ्र निदान संभव हो पाता है। इसके निम्न जांचों में जैसे कि न्यूरो-नेविगेशन, फ्लोरेसेंस, अवेक क्रैनियोटॉमी, इंट्रा-ऑपरेटिव ब्रेन मैपिंग आदि।
ब्रेन इमेजिंग व अन्य जांच
डा. राहुल के अनुसार इंट्रा-आपरेटिव इमेजिंग ब्रेन ट्यूमर के कुछ मामलों में सर्जरी के दौरान रीयल टाइम ब्रेन इमेजिंग मददगार साबित हो सकता है, जो अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन या एमआरआई की मदद से किया जा सकता है। एंजियोग्राफी ब्रेन हेमरेज के मामले में, मस्तिष्क के अंदर वैस्कुलर विकृति को देखने के लिए प्री-आपरेटिव डीएसए (डिजिटल सबट्रेक्शन एंजियोग्राफी) किया जाता है। घाव को देखने और पूरी तरह से निकालने के लिए एडवांस सी-आर्म मशीन के साथ इंट्रा-ऑपरेटिव डीएसए किया जा सकता है। डीएसए ब्रेन ट्यूमर की वैस्कुलैरिटी की जांच करने में मदद करता है और आपरेशन के दौरान होने वाले रक्त के नुकसान को कम करने के लिए प्री-आपरेटिव एंबोलिजेशन किया जा सकता है।
पोस्ट आपरेटिव देखभाल अनिवार्य
डा. राहुल गु्प्ता ने बताया कि एनेस्थीसिया टीम द्वारा सुरक्षित एनेस्थीसिया देना और ब्रेन सर्जरी के बाद अच्छे परिणाम के लिए न्यूरो-आईसीयू में पोस्ट-आपरेटिव देखभाल अनिवार्य है। तकनीकी प्रगति के साथ पिछले दशक में ब्रेन सर्जरी के परिणामों में काफी सुधार हुआ है। किसी भी देरी को रोकने के लिए एक तुरंत निर्णय लेना अनिवार्य है। बहरहाल, जांच व उपचार की नई तकनीकी-विधियों से ब्रेन सर्जरी अब आसान हो गई है। इसलिए उक्त सुविधाओ से युक्त अस्पतालों में नि:संकोच होकर ब्रेन सर्जरी करा सकते हैं। जटिल होने के बावजूद ब्रेन सर्जरी के अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं। तमाम मरीज स्वस्थ होकर सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं।