मायावती की परशुराम की मूर्ति व अस्पताल बनवाने की घोषणा से विप्र समाज गदगद Aligarh news

मायावती की इस घोषणा से वर्ष 2022 में प्रदेश विधानसभा चुनाव की पहली चाल चल सियासी हलचल पैदा कर दी है। विधानसभा चुनाव के दावेदार तो इस घोषणा को पार्टी के लिए संजीवनी बता रहे हैं।

By Parul RawatEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 01:13 PM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 05:09 PM (IST)
मायावती की परशुराम की मूर्ति व अस्पताल बनवाने की घोषणा से विप्र समाज गदगद Aligarh news
मायावती की परशुराम की मूर्ति व अस्पताल बनवाने की घोषणा से विप्र समाज गदगद Aligarh news

अलीगढ़़, जेएनएन। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भगवान परशुराम की बड़ी मूर्ति लगवाने व उनके नाम से अस्पताल बनवाने की घोषणा से ब्राह्मण समाज गदगद हैं। कोविड के संक्रमण के बीच मायावती की इस घोषणा से वर्ष 2022 में प्रदेश विधानसभा चुनाव की पहली चाल चल सियासी हलचल पैदा कर दी है। विधानसभा चुनाव के दावेदार तो इस घोषणा को पार्टी के लिए संजीवनी बता रहे हैं। इससे सर्वणवर्ग को सादने की कोशिशकी है। वर्ष 2017 में हुए प्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा से विप्र समाज बडी मात्रा में  खिसक गया था।
बसपा नेता  विजय पंडित ने कहा कि मायावती (बहिनजी) जो कहती हैं, वह करके  दिखाती हैं। जो नेता मायावती को  विप्र समाज का विरोधी बताते हैं, उनके लिए अब एक बड़ी लकीर खींची है। जब जब विप्र समाज ने एकजुटता का परिचय देते हुए बसपा को सपोर्ट किया है, तब तब बहिनजी को अभूतपूर्व समर्थन  दिया है। वर्ष 2007 में हैं। यह सर्व समाज का ध्यान रखती हैं। मनोज कुमार शर्मा ने मायावती के इस फैसला को एतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि  विप्र समाज की सियासत अन्य राजनीतिक दलों में हांशिये पर आ चुकी है।  शिवकुमार शर्मा ने कहा कि मायावती के कार्यकाल में ही विकास होता है। ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम हमारे इष्ट देव हैं। इनकी एतिहासिक बड़ी प्रतिमा लगनी ही चाहिए। सत्य प्रकाश दुबे ने कहा कि योगी शासन में विप्र समाज गन प्वाइंट पर है। मायावती शासन में अपराधी प्रदेश छोड़कर भाग गए थे। देवेश  तिवारी, दीपक गौड, शिवकांत शर्मा, रवि पाठक, राजू पंडित आदि ने मायावती के फैसले का स्वागत किया है।

सीएम पोर्टल पर भी हो रहा मजाक : मजहर
यूपी ओलंपिक एसोसिएशन के सह संयुक्त सचिव मजहर उल कमर ने कहा कि सीएम पोर्टल पर भी शिकायतों के निस्तारण के बजाय मजाक हो रहा है। बताया कि, जिले में स्पोर्टस स्टेडियम न खुलने पर उन्होंने इसकी शिकायत सीएम पोर्टल पर की थी। इसमें क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अनिल कुमार की ओर से स्टेडियम न खोलने की शिकायत की गई है। अब पोर्टल पर शिकायत का स्टेटस चेक किया तो पता चला कि समाधान के लिए प्रकरण को क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी के पास ही भेजा गया है। ऐसे में जिसके खिलाफ शिकायत की जा रही है, उसी के पास प्रकरण भेजने से क्या हल निकलेगा? उससे ऊपर के अधिकारी को मामला हस्तांतरित किया जाना चाहिए।

chat bot
आपका साथी