योगी सरकार का दामन दागदार कर रहे भ्रष्टाचारियों पर कमिश्नर का एसएनटीसी चाबुक, जानिए क्या है एसएनटीसी
सरकारी विभागों में कुछ बाबू व संविदा कर्मी जीरो टालरेंस में सरकार का दामन दागदार कर रहे हैं। घूंस न मिलने तक यह सरकारी योजनाओं के लिए लाभार्थियों को टरकाते रहते हैं। कमिश्नरी में संचालित से नो टू करप्शन सेल (एसएनटीसी) ने इसका पर्दाफाश किया है।
अलीगढ़, जेएनएन। सरकारी विभागों में कुछ बाबू व संविदा कर्मी जीरो टालरेंस में सरकार का दामन दागदार कर रहे हैं। घूंस न मिलने तक यह सरकारी योजनाओं के लिए लाभार्थियों को टरकाते रहते हैं। कमिश्नरी में संचालित से नो टू करप्शन सेल (एसएनटीसी) ने इसका पर्दाफाश किया है। अलीगढ़ के स्वास्थ्य विभाग व एटा में शिक्षा विभाग का एक-एक बाबू सेल की गोपनीय जांच में फंस गए हैं। कई लाभार्थियों ने इन पर घूंस लेने के आरोप लगाए गए हैं। अब दोनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। वहीं, अन्य कई कर्मचारी व संविदा कर्मियों को भी ट्रैस किया जा रहा है।
भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस नीति
प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रही है। सीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए मंडलायुक्त गौरव दयाल ने भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने के लिए सीएनटीसी नाम के एक गोपनीय सेल का गठन किया है। तीन जून को कमिश्नरी कार्यालय में इस सेल की शुरुआत की है। इस सेल में चार सदस्यीय टीम लगाई गई है। यह टीम मंडल के अलीगढ़, हाथरस, एटा व कासगंज के सभी सरकारी विभागों से सरकारी सुविधाएं प्राप्त करने वाले लोगों की सूची एवं फोन नंबर ले लेती है। इसके बाद इन लोगों को फोन किया जाता है। इसमें उनसे कोई रिश्वत तो नहीं ली गई की इसकी जानकारी मांगी जाती थी। बातचीत का एक सीडी तैयार होता है। मंडलायुक्त खुद इसे सुनते हैं। इसके बाद संबंधित विभाग को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाता था। जवाब आने पर कार्रवाई होती है।
एटा व अलीगढ़ में पर्दाफाश
सीएनटीसी टीम अब एटा व अलीगढ़ जिले के दो बड़े मामलों का पर्दाफाश कर चुकी है। एटा में जहां सहायक अध्यापक भर्ती के नाम पर सटीक ब्लाक में बिल बाबू पर तीन-तीन हजार की वसूली करने के आरोप लगे हैं। मंडलायुक्त ने एटा बीएसए को इनके खिलाफ जार्चशीट जारी कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वहीं, अलीगढ़ में स्वास्थ्य विभाग के पटल सहायक कमलकांत पर भी पेंशन के लिए 40-40 हजार की वसूली का मामला उजागर हुआ है। जीपीएफ के लिए भी यह तीन फीसद तक की डिमांड करते हैं। इनके खिलाफ भी चार्चशीट जारी करने के आदेश हो गए हैं। इसके साथ ही अन्य तीन चारों मामलों की भी जांच चल रही है। जल्द ही इनका भी पर्दाफाश हो सकता है।
सूबे में अनोखा माडल
मंडलायुक्त गौरव दयाल का सूबे भर में यह अनोखा माडल है। काफी हद तक इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लग रहा है। आसपास के अन्य मंडल व जिलों में भी इसकी खूब सराहना हो रही है। मंडलायुक्त खुद इसकी निगरानी करते हैं।
मची हुई है खलबली
सीएनटीसी के गठन के बाद सरकारी विभागों में खलबली मच गई है। कई विभागों के बाबुओं से लेकर अफसरों तक में भय का माहौल है। कई विभागों में तो कर्मचारी अब रिश्वत के नाम से ही डर रहे हैं। इससे लोगों को भी समय से योजनाओं का लाभ मिल रहा है। कर्मचारी रिश्वत के लिए महीनों तक कामों को अटका नहीं रहे हैं।
सूची देने से कतरा रहे
सीएनटीसी की टीम सभी विभागों से पहले सूची मांगती है। अब पोल खुलने के बाद मंडल के कई विभाग इसे देने में भी कतरा रहे हैं। पिछले दिनों तो एक विभाग ने गलत नंबरों की सूची दे दी है। मंडलायुक्त की तरफ से इनसे भी जवाब तलब किया गया है।
प्रदेश सरकार जीरो टालरेंस की नीति के तहत काम कर रही है। सीएनटीसी का गठन भी इसी मंशा के अनुरूप हुआ है। सरकारी योजनाओ में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा। रिश्वत लेने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
गौरव दयाल, मंडलायुक्त