Cluster Scheme : उद्योग मंत्री सतीश महाना से उद्यमियों ने कहा, विकसित किया जाए इंडस्ट्रीयल पार्क Aligarh News
उद्योग मंत्री सतीश महाना से फेडरेशन आफ स्माल एंड मीडियम इंडस्ट्रीज (एफएसएमआई) का प्रतिनिधि मंडल मिला। अध्यक्ष मानव महाजन व महामंत्री सौरभ बालजीवन ने महाना से क्लस्टर योजना के तहत इंडस्ट्रीयल पार्क को विकसित करने के लिए मांग की।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। ताला-हार्डवेयर को विकसित करने के लिए सरकार का जोर है। वहीं उद्यमी भी योगी सरकार के कदमताल मिलाने के लिए तैयार हैं। राज महेंद्र प्रताप सिंह राजकीय विश्व विद्यालय के शिलान्यास कार्यक्रम में भाग लेने आए उद्योग मंत्री सतीश महाना से फेडरेशन आफ स्माल एंड मीडियम इंडस्ट्रीज (एफएसएमआई) का प्रतिनिधि मंडल मिला। अध्यक्ष मानव महाजन व महामंत्री सौरभ बालजीवन ने महाना से क्लस्टर योजना के तहत इंडस्ट्रीयल पार्क को विकसित करने के लिए मांग की।
यह है योजना
एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों तथा उनके समूहों की उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता में बढ़ोत्तरी करने तथा उनकी क्षमता निर्मित करने के मुख्य कार्यनीति के रुप में क्लस्टर एप्रोच को अपनाया है। इस योजना के तहत सरकार जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर और कामन फैसिलेशन सेंटर (सीएफसी) के लिए सरकार मदद करती है। राज्य सरकार लघु उद्योगों का एक ऐसा समूह तैयार करती है, जो आने वाली चुनौतियों का सामना कर सके। क्लस्टर के लिए उद्यमिता व क्लस्टर विकास ट्रेनिंग प्रोग्राम का समय समय पर संचालित करती है।
अध्यक्ष मानव महाजन व महामंत्री सौरभ बालजीवन ने हार्डवेयर व पीतल मूर्ति कारोबार को विकसित करने के लिए कुछ जरुरी सुझाव भी दिए। इसमें सरकार की सुविधाओं को सीधे उद्यमियों तक सरल व सहजता के साथ मिले। सरकारी मंसा को पूरा करने के लिए हुक्मरानों पर भी कड़ी नजर बनाकर रखे। ताकि असल लाभ उद्यमियों तक पहुंच सके। अलीगढ़ में व्यवस्थित ताला, हार्डवेयर, आर्टवेयर व बिजली आयरन गुड्स, इन डोर व आउट डोर गार्डन लाइट निर्माताओं की ओर ध्यान रखने का सुझाव मुनेंद्र वार्ष्णेय,भरत उप्पल ,अनिल सेंगर,प्रमित गुप्ता, गौरव, वैभव राठी आदि मौजूद थे।
चार सीएफसी हैं संचालित
सूक्ष्म और लघु उद्यम क्लस्टर विकास कार्यक्रम (एमएसएमई-सीडीपी) को यहां के ताला-हार्डवेयर कारोबारियों ने अपनाया है। इसके तहत प्रोद्योगिकी, कौशलों और गुणवत्ता में सुधार, बाजार तक पहुंच पूंजी तक पहुंच आदि का समाधान करके उनकी उपयोगिता और वृद्धि में सहयोग देना। जिले में चार सीएफसी का संचालन हो रहा है। जिसमें डाई व अन्य उत्पादन उपयोगी काम होता है।