Three-tier panchayat elections : दावेदार ताल ठोंक प्रचार में जुटे, एक-एक सीट के पांच से छह दावेदार Aligarh news
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का आरक्षण घोषित होने के बाद से भाजपा में जिला पंचायत सदस्य के दावेदारों ने ताल ठोक दी है। वह प्रचार में लग गए हैं। अब पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए आम सहमति बनाने में जुट गई है।
अलीगढ़, जेएनएन : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का आरक्षण घोषित होने के बाद से भाजपा में जिला पंचायत सदस्य के दावेदारों ने ताल ठोक दी है। वह प्रचार में लग गए हैं। अब पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए आम सहमति बनाने में जुट गई है। जिससे चुनाव जितने के बाद सदस्यों में विवाद न हो। इसलिए पार्टी ऐसे सदस्यों को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है, जो अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर विवाद पैदा न करें।
दमखम के साथ उतरी भाजपा
पहली बार भाजपा जिला पंचायत चुनाव में पूरे दमखम के साथ उतरी है। पार्टी ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि पंचायत चुनाव में वह पूरी ताकत के साथ उतरेगी। इसलिए इस बार जिला पंचायत सदस्य के दावेदार बहुत हैं। एक-एक सीट से पांच से छह दावेदार हैं। इससे पहले तो भाजपा को सदस्य के दावेदारों में तालमेल बिठाना पड़ेगा, जिससे मैदान में उतरने के बाद कोई विवाद न हो। उसके बाद अध्यक्ष पद की कुर्सी पर कौन आसीन होगा, उसके लिए आम सहमति बनानी पड़ेगी। सूत्र बताते हैं कि इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के बड़े नेताओं ने कहा है कि जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने के बाद सदस्यों के साथ बैठक होगी। सदस्यों की आम सहमति से अध्यक्ष पद का दावेदार घोषित किया जाएगा। मगर, जिले में जिस प्रकार से भाजपा में गुटबाजी चल रही है, उससे फिलहाल आम सहमति अभी बनती नहीं दिख रही है। खुलकर तो कोई विरोध नहीं कर सकता हैं, मगर अंदरखाने विरोध होगा। सूत्र बताते हैं कि पार्टी अभी से तैयारी करके चल रही है कि अध्यक्ष की कुर्सी पर कौन आसीन होगा। इसलिए वह सदस्य के दावेदारों से पूरी तरह से पुख्ता हो जाना चाहती है कि कोई सदस्य विरोध न करे।
दो गुटों में है संघर्ष
जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर पहले दो गुट थे, मगर अब चर्चा चल रही है कि दो गुट है। भाजपा के लिए बड़ी कठिन परीक्षा होगी कि दोनों गुटों में कैसे आम सहमति बने। क्योंकि दोनों गुट कमतर नहीं है। वह राजनीति के माहिर हैं और जिला पंचायत के चुनाव में उनकी अच्छी पकड़ है। सदस्यों की जीत के बाद उनमें अध्यक्ष के लिए आम सहमति बनाना बड़ी चुनौती होगी। हालांकि, अभी दावेदार अपने-अपने क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं।