भक्ति में डूबा शहर, मां की जय-जयकार

नवरात्र की अष्टमी पर बुधवार को महागौरी मां का पूजन किया गया। दे

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 07:35 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 07:35 PM (IST)
भक्ति  में  डूबा शहर, मां की जय-जयकार
भक्ति में डूबा शहर, मां की जय-जयकार

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : नवरात्र की अष्टमी पर बुधवार को महागौरी मां का पूजन किया गया। देवी मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने माता रानी के दर्शन किए। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ था। मां के जयकारे से देवी मंदिर गूंज रहे थे। महिलाएं भजन-कीर्तन करते हुए देवी मंदिर पहुंच रही थीं। वहीं, अष्टमी के चलते घर-घर कन्या लांगुरा जिमाए गए। कन्याओं को आदर के साथ घर पर बुलाया गया, उनका पूजन कर प्रसाद ग्रहण कराया गया।

बुधवार को तड़के चार बजे से देवी मंदिरों पर श्रद्धालुओं के आने का क्रम शुरू हो गया था। नौरंगाबाद स्थित नौ देवी मंदिर पर भक्तों की लंबी कतार लगी हुई थी। हाथों में धूप-दीप, नारियल और चुनरी के लिए महिला श्रद्धालु खड़ी थीं। मां के दरबार में पहुंचते ही जयकारे गूंजने लगते थे। श्रद्धालुओं ने कन्याओं को दान-पुण्य किया। अचलताल स्थित नौ देवी मंदिर, दुर्गा मंदिर, गौरी मंदिर पर भी भक्तों की सुबह से ही लंबी लाइन लगी हुई थी, मां के जयकारे से मंदिर गूंज रहे थे। गांधीपार्क स्थित चामुंडा देवी मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों ने मां के दर्शन किए। यहां दोपहर तक प्रसाद चलता रहा। वहीं, घंटरचौक वाली काली मंदिर में हवन-यज्ञ हुआ। इसके अलावा हाथरस अड्डा स्थित पथवारी मइया का बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। यहां सुबह से ही भक्तों की लाइन लगी हुई थी। धूप-दीप से मां का पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना की गई। शहर के सासनीगेट और महेंद्र नगर स्थित काली माता मंदिर, मेलरोज बाईपास स्थित कामाख्या देवी मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।

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कन्या पूजन कर लिया आशीर्वाद

अष्टमी पर घर-घर कन्या लांगुरा जिमाए गए। परिवारों में आदर के साथ कन्याओं को बुलाया गया। उनके पांव पखारे गए। आसन पर भाव के साथ बिठाया गया। चुनरी ओढ़ाई गई। नारियल चढ़ाया गया। भजन-कीर्तन भी हुए। शहर के रघुवीरपुरी, ब्रह्मनपुरी, सासनीगेट, सुदामापुरी, स्वर्णजयंती नगर, विक्रम कालोनी, रामबाग कालोनी आदि जगहों पर कन्याओं का पूजन किया गया। रामघाट रोड पर एडीए कालोनी स्थित देवी मंदिर में बड़ी संख्या में कन्याओं को प्रसाद ग्रहण कराया गया। दोपहर तक मंदिरों में मेले जैसा ²श्य था।

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