कोरोना में मां या बाप को खो चुके बच्चों को मिलेगी मदद, जानिए कैसे

मुख्य विकास अधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना बेटी बचाओ बेटी पढाओं बाल संरक्षण सेवाएं रानी लक्ष्मी बाई महिला सम्मान योजना बाल विवाह वन स्टाप सेंटर योजना की बिन्दुवार समीक्षा की गई। इसके लिए जरूरत है नियम और शर्तों को पूरा करने की जरूरत है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 03:33 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 03:33 PM (IST)
कोरोना में मां या बाप को खो चुके बच्चों को मिलेगी मदद, जानिए कैसे
मुख्य विकास अधिकारी आरबी भास्कर की अध्यक्षता में संपन्न हुई,

हाथरस, जागरण संवाददाता। कोरोना में मां या बाप को खो चुके बच्चों को मदद मिलेगी। इसके लिए जरूरत है नियम और शर्तों को पूरा करने की जरूरत है। इसके अलावा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, जिला बाल संरक्षण समिति, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, बाल विवाह, महिला शक्ति केन्द्र एवं वन स्टाप सेंटर की जिला टास्क फोर्स की बैठक मुख्य विकास अधिकारी आरबी भास्कर की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, बेटी बचाओ बेटी पढाओं, बाल संरक्षण सेवाएं, रानी लक्ष्मी बाई महिला सम्मान योजना, बाल विवाह, वन स्टाप सेंटर योजना की बिन्दुवार समीक्षा की गई।

ऐसे लें सहायता

जिला प्रोबेशन अधिकारी डीके सिंह द्वारा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के बारे में बताया कि ऐसे सभी बच्चे जिनके माता पिता दोनों में से किसी एक की मृत्यु कोविड-19 संक्रमण से हुई हो ऐसे 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत पालन पोषण, शिक्षा स्वास्थ्य के लिए आर्थिक सहयोग चार हजार प्रति माह प्रति बालक दिया जाना मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य है। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के बारे में बताया कि 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड-19 से भिन्न अन्य कारणों से अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक अभिभावक को खो दिया है या फिर 18 से 23 वर्ष के ऐसे किशोर जिन्होंने कोविड या अन्य कारणों से माता-पिता या इनमें से किसी एक को खो दिया है। जिनके परिवार की अर्जित आय तीन लाख से कम होनी चाहिए तथा जिन बच्चों के माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई है उन पर आय सीमा की शतें लागू नही होंगी तथा 18 से 23 वर्ष तक की आयु के ऐसे किशोर जिनके अभिभावकों की मृत्यु हो गयी है उनको कक्षा 12 तक शिक्षा पूर्ण करने के बाद राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री, नीट, जी, क्लेट आदि प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्रों को योजना का लाभ दिया जायेगा, ऐसे बच्चे जो कि 18 वर्ष तक के है, बाल गृह,सम्प्रेक्षण गृह से परिवार में पहुंच कर पुर्नवासित किए गए हैं या बाल देख-रेख संस्थाओं में रह रहे हैं, जिनकी माता तलाकाशुदा स्त्री या परित्यक्ता है, जिनके माता-पिता या परिवार का मुख्यकर्ता जेल में है, ऐसे बच्चे जिन्हें बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति,बाल  से मुक्त कराकर परिवार,पारिवारिक वातावरण मे समायोजित कराया हो अथवा भिक्षावृत्ति में सम्मिलित परिवार के अधिकतम दो बच्चों 2500 रुपये प्रति माह प्रति बालक पात्रता की शर्ते पूर्ण करने तक आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाना मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) का मुख्य उद्देश्य है।

ये दिए निर्देश

पीएम केयर योजना के बारे में बताया कि ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु पूर्व में हो गई हो तथा दूसरे की मृत्यु 11 मार्च 2020 से 31 दिसम्बर 2021 तक कोविड-19 से हुई हो ऐसे अनाथ बच्चों को आयु श्रेणी के अनुसार 18 वर्ष पूर्ण होने पर 10 लाख रू0 तक की राशि प्रदान की जायेगी। मृत्यु की दिनांक को बच्चे की आयु 18 वर्ष पूर्ण नहीं होनी चाहिए। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा अधिक से अधिक पात्र बच्चों को लाभ दिलाये जाने के लिए जिला पंचायतराज अधिकारी एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी को निर्देश दिये गये साथ ही महिला एवं पुष्टाहार विभाग को प्रचार-प्रसार कराने हेतु निर्देशित किया गया।

ये रहे मौजूद

बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीएम चतुर्वेदी, जिला पंचायत राज अधिकारी जीडी जैन, जिला पूर्ति अधिकारी एसपी शाक्य, जिला विद्यालय निरीक्षक रितु गोयल, जिला क्रीडा अधिकारी अनिल कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी शिव कुमार, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति श्रीमती बबिता अग्रवाल, सदस्य भानू प्रताप सिंह, श्रम प्रवर्तन अधिकारी मुहम्मद आजम, क्षेत्राधिकारी रूची गुप्ता, अभियोजन अधिकारी अमरेन्द निरंजन, महिला कल्याण अधिकारी मोनिका गौतम, संरक्षण अधिकारी विमल कुमार शर्मा, विधि सह परिवीक्षा अधिकारी दीपक कुमार, सेंटर मेनेजर श्रीमती मनीषा भारद्वाज, बाल विकास परियोजना अधिकारी धर्मेंद्र कुमार कुलश्रेष्ठ, राहुल वर्मा उपस्थित रहे।

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