सुपर स्पेशलिस्ट डा. अनुभव सिन्हा का परामर्श : नूडल्स-पास्ता से बिगड़ रही बच्चों की सेहत, ऐसे रखिए ख्याल Aligarh News

भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग न तो सही समय पर खा रहे हैं और न सोना-जागना हो रहा है। भूख लगने पर कुछ भी खा लेना खासतौर से नूडल्स पास्ता मोमोज जैसे फास्टफूट व अन्य तला-भुना और चिकनाईदार खाने से पेट की बीमारियों से जूझ रहे हैं।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 07:28 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 07:28 PM (IST)
सुपर स्पेशलिस्ट डा. अनुभव सिन्हा का परामर्श : नूडल्स-पास्ता से बिगड़ रही बच्चों की सेहत, ऐसे रखिए ख्याल Aligarh News
लिवर, पेट व आंत रोग के सुपर स्पेशलिस्ट डा. अनुभव सिन्हा ने मरीजों को सलाह दी।

अलीगढ़, जेएनएन। भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग न तो सही समय पर खा रहे हैं और न सोना-जागना हो रहा है। भूख लगने पर कुछ भी खा लेना, खासतौर से नूडल्स, पास्ता, मोमोज जैसे फास्टफूट व अन्य तला-भुना और चिकनाईदार खाने से बच्च ही नहीं, बड़े भी पेट की बीमारियों से जूझ रहे हैं। भूख न लगना, पेट में दर्द, कब्ज, गैस, एसिड, संक्रमण आदि के साथ लिवर खराब होने की समस्या आम है। इनमें कई समस्याएं तो जीवन शैली व खानपान में बदलाव करके ही ठीक हो जाती हैं। समय पर उचित इलाज से स्वस्थ रहा जा सकता है। यह सलाह बुधवार को लिवर, पेट व आंत रोग के सुपर स्पेशलिस्ट डा. अनुभव सिन्हा ने मरीजों को दी। वह दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में पाठकों को परामर्श देने के लिए आमंत्रित किए गए थे। 

 मेरी पत्नी तीन साल से शुगर की रोगी है। रसौली का आपरेशन हो चुका है। कई सालों से पेट खराब व दस्त की समस्या है। - मो. आरिफ, सराय रहमान। 

- कई बार शुगर कंट्रोल न होने से पाचन शक्ति पर असर पड़ता है। दस्त की वजह पेट में संक्रमण हो सकता है। दूध पीना बंद कर दें। दिन में दो बार दो-दो चम्मच ईसबगोल की भूसी दूध, दही या पानी के साथ सेवन कराएं। लाभ न मिलने पर स्पेशलिस्ट से संपर्क करें। 

 कुछ भी खाते हुए या फिर खाने के बाद पेट में दर्द होने लगता है। दवा से भी दर्द ठीक नहीं होता। अल्ट्रासाउंड में नार्मल फैटी लिवर आया है। पेट में भारीपन है। - कन्हैयालाल, इगलास।

आप गैस्ट्रिक, एसिडिटी या पेट में संक्रमण से ग्रस्त लग रहे हैं। फैटी लिवर में भारीपन सामान्य है, लेकिन यदि अल्सर है तो समस्या होती है। एंडीस्कोपी कराने से स्पष्ट पता चलेगा। तब तक मसालेदार व चिकनाईयुक्त भोजन से परहेज करें। 

सुबह पेट एक बार में साफ नहीं होता। कई बार इससे समस्या हो जाती है। - राम प्रकाश शर्मा, आइटीआइ रोड रामनगर।

इसे इरेटेबल बाॅबल सिंड्रोम कहा जाता है। इसमें आंतों का मूवमेंट बढ़ जाता है। मसालेदार व चिकनाईयुक्त खाना कम से कम खाएं। यदि दूध से परेशानी हो तो न पीएं। सुबह व रात में ईसबगोल की भूसी खाना शुरू कर दें। लाभ न मिलें तो स्पेशलिस्ट को दिखाएं। 

मेरी उम्र 78 वर्ष है। भूख बिल्कुल नहीं लगती। पेट खराब रहता है। कब्ज की समस्या है। - धर्मपाल सिंह, सोमना रोड। 

इस उम्र में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। लिवर में समस्या होने लगती है। क्षमता के अनुसार योग-व्यायाम करें। ईसबगोल की भूसी का सेवन करें। लाभ न हो तो किसी स्पेशलिस्ट की सलाह से दवा शुरू करें। 

 मेरे पेट में दर्द रहता है। तेजाब बनता है और मुंह तक आता है। कमर में भी दर्द रहने लगा है। अंग्रेजी व देशी दवा से लाभ नहीं हुआ। - मो. अफसर, भुजपुरा।  

दर्द की दवा या चूरन-चटनी से लाभ नहीं मिलेगा। चाय-काफी का सेवन कम या बंद कर दें। खाने के बाद लेटना नहीं हैं। इससे तेजाब मुंह तक नहीं आएगा। गैस की दवा के साथ ठंडे दूध का सेवन कर सकते हैं। तला-भुना या बाहर का खाना कम कर दें। लाभ न हो तो स्पेशलिस्ट से संपर्क करें। 

डाक्टर अंकल, मेरी उम्र नौ वर्ष है। मैं अपने साथी बच्चों के  सामने बहुत कमजोर लगता हूं। भूख भी नहीं लगती। - तनिष्का भारद्वाज, जिरौला हीरा सिंह। 

नूडल्स, पास्ता व मैदा से बने खाद्य पदार्थ व अन्य फास्ट फूड का सेवन ज्यादा करने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते। इसलिए घर का बना खाना खाएं। हरी सब्जियां, दाल व रसदार फलों को भोजन में शामिल करें। कुछ भी खाएं हाथों को साबुन से धोकर ही खाएं। स्वास्थ्य फिर भी न सुधरे तो डाक्टर के पास जाएं। 

सात साल से हृदय का मरीज हूं। मुझे भूख नहीं लगती। पेट में दर्द, पांव व पेट में सूजन रहती है। - देवेंद्र सिंह, हंसगढ़ी।

हृदय़ के मरीजों में सूजन की समस्या पाई जाती है। नमक का सेवन कम कर दें। मिर्च-मसाले, तेल, घी आदि की मात्रा कम करें। संतुलित आहार लें। 

मुझे गैस बनती है। खाली पेट भी पेट फूला रहता है। कब्ज रहती है। - धर्मवीर सिंह, नौरंगाबाद।

तला-भुना खाने से आजकर हर कोई फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहा है। हालांकि, ग्रेड वन में खानपान में सुधार व वजन कम करके लाभ मिल जाता है। ग्रेड -टू या इससे उपर के मरीजों को ही इलाज की जरूरत होती है। ईसबगोल की भूसी का सेवन करें। 

इन्होंने लिया परामर्श

न्यू शिवपुरी से रोहित, अलीगढ़ से प्रियंका, रनमोचना से डा.श्रीपाल सिंह यादव, ज्वालापुरी से विनय शर्मा, अतरौली से अब्दुल कय्यूम, एटा चुंगी से शक्ति तोमर, छर्रा से आसिम, चंडौली बुजुर्ग से महाराज सिंह, भुजपुरा से मो. अफसर, क्वार्सी थाना के पास से शकुंतला राठौर, समनापाड़ा से मो.जावेद आदि। 

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