रेमडेसिविर की फुटकर बिक्री करेगी केमिस्ट एसोसिएशन, रुकेगी मुनाफाखोरी Aligarh news
कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों के इलाज में कारगर एंटीवायरल इंजेक्शन रेमडेसिविर की बाजार में फिर किल्लत शुरू हो गई है। जबकि सरकार ने इसे आफ लेवल ड्रग की श्रेणी में रखा है। करीब 1800 रुपये की वायल पांच हजार रुपये तक में बिक रही है।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों के इलाज में कारगर एंटीवायरल इंजेक्शन रेमडेसिविर की बाजार में फिर किल्लत शुरू हो गई है। जबकि, सरकार ने इसे आफ लेवल ड्रग की श्रेणी में रखा है। करीब 1800 रुपये की वायल पांच हजार रुपये तक में बिक रही है। निजी अस्पतालों में तो एक वायल के पांच से 15 से 20 हजार रुपये तक वसूल किए जा रहे हैं। ऐसे में अलीगढ़ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने इसकी फुटकर बिक्री शुरू करने का निर्णय लिया है। उधर, स्वास्थ्य विभाग ने समस्या बढऩे पर रेमडेसिविर 300 वायल लखनऊ से मंगाई है। औषधि विभाग का कहना है कि जरूरी दवा की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।
रेमडेसिविर की जरूरत
कोरोना संक्रमित मरीज के शरीर में कई बार ऑक्सीजन का स्तर कम होने लगता है, जिसे हाइपोक्सिमिया कहते हैं। मरीज का बुखार व खांसी कम नहीं हो रही होती है तो उसे रेमडेसिविर दवा दी जाती है। मरीज मॉडरेट से सिविर कैटेगरी में जा रहा होता है, तभी इस दवा का प्रयोग किया जाता है। इस दवा को अमेरिका की गिलएड कंपनी बनाती है। कंपनी के पास इस दवा का पेटेंट है। भारत में कई प्रमुख कंपनियां यह दवा बना रही हैं। सरकारी व निजी कोविड केयर सेंटरों में यह दवा इस्तेमाल हो रही है।
फफाला में आई नई खेप, होगी फुटकर बिक्री
केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह टिल्लू ने बताया कि बाजार में अब रेमडेसिविर की कोई कमी नहीं है। केमिस्ट जरूरत के अनुसार इसे खरीद सकते हैं। तीमारदारों को यह आधार कार्ड, डाक्टर का पर्चा व कोविड-19 रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर ही केमिस्ट से मिल सकती है। मरीजों को इंजेक्शन मिलने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए हमारी एसोसिएशन ने भी इसकी फुटकर बिक्री शुरू करना का निर्णय लिया है। जल्द ही गांधी आई हॉस्पिटल स्थित मेडिकल स्टोर पर यह दवा उपलब्ध हो जाएगी। एक वायल करीब 1800 रुपये में उपलब्ध कराई जाएगी। आपदा काल में एसोसिएशन प्रशासन और सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी। केमिस्टों से अपील है कि किसी भी दवा पर इस समय ओवररेट न लें। चिकित्सक को भी मरीजों का ब्योरा देने पर यह दवा मिलेगी।
हास्पिटल में पहुंचते ही इंजेक्शन महंगा
यदि कोई गंभीर मरीज प्राइवेट कोविड सेंटर में भर्ती होता है तो उसे रेमडेसिविर की डोज देना महंगा पड़ता है। पता चला है कि कुछ अस्पतालों में इसकी एक डोज की कीमत 20 हजार रुपये तक वसूली जा रही है। जबकि, एक मरीज को पांच से छह डोज दी जाती हैं। केमिस्ट एसोसिएशन ने लोगों से अपील की है यदि हॉस्पिटल में यह इंजेक्शन मंहगा मिलता है तो केमिस्ट एसोसिएशन के काउंटर से खरीदें।
जन औषधि केंद्र पर नहीं होती बिक्री
रेमडेसिविर की किल्लत के बीच एक खबर इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें मेडिकल शाप पर 4000 रुपये में मिलने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन जन औषधि केंद्रों पर 899 में उपलब्ध होने का दावा किया जा रह है। जागरण ने पड़ताल की तो खबर फेक निकली। मीनाक्षी सिनेमा के पास स्थित जन औषधि केंद्र संचालक आरके शर्मा ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन बिकने की बात गलत है। जन औषधि केंद्रों पर यह इंजेक्शन नहीं मिलता।
इनका कहना है
कोविड अस्पतालों में किसी दवा की किल्लत नहीं है। रेमडेसिविर दवा की कुछ किल्लत थी, लिहाजा 300 डोज लखनऊ से मंगाई हैं। केमिस्ट एसोसिएशन की अ'छी पहल है। इससे मरीज को इलाज में सुविधा होगी।
- डा. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ