New National Education Policy : रचनात्मक सोच बढ़ाने को परीक्षा पैटर्न में बदलाव Aligarh News
(सीबीएसई) ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सत्र 2021-22 से परीक्षा पैटर्न में बदलाव करने का फैसला किया है। नई व्यवस्था के तहत कक्षा नौवीं व 11वीं की वार्षिक और 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों में बदलाव किया जाएगा।
अलीगढ़, जेएनएन। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सत्र 2021-22 से परीक्षा पैटर्न में बदलाव करने का फैसला किया है। नई व्यवस्था के तहत कक्षा नौवीं व 11वीं की वार्षिक और 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों में बदलाव किया जाएगा। छात्र-छात्राओं से योग्यता आधारित प्रश्न अधिक पूछे जाएंगे। इसके पीछे उद्देश्य है कि विद्यार्थियों में रचनात्मक सोच का विकास हो। रटने की प्रवृत्ति खत्म हो सके। ऐसे प्रश्नों को तरजीह दी जाएगी जो वास्तविक जीवन से जुड़े हुए होंगेे।
इंटीग्रेटेड सवाल पूछे जाएंगे
नए पैटर्न के तहत नौवीं व 10वीं में करीब 30 फीसद बहुविकल्पीय, केस व सोर्स आधारित इंटीग्रेटेड सवाल पूछे जाएंगे। 20 फीसद सवाल वस्तुनिष्ठ आधारित होंगे। बाकी 50 फीसद प्रश्न लघु व दीर्घ उत्तरीय होंगे। इसके अलावा 11वीं व 12वीं में 20 फीसद प्रश्न योग्यता आधारित होंगे। 20 फीसद प्रश्न वस्तुनिष्ठ होंगे व बाकी 60 फीसद प्रश्न लघु व दीर्घ उत्तरीय होंगे। नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को रटने की प्रवृत्ति से बाहर निकालकर, समझकर पढ़ने के लिए प्रेरित करने का प्रावधान किया गया है। ये कवायद इसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए की गई है। ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य श्याम कुंतेल ने कहा कि सीबीएसई की अोर से इस संबंध में सर्कुलर जारी किया गया है। 2021-22 सत्र में विद्यार्थियों को इसी बदले हुए पैटर्न के आधार पर प्रश्नपत्र मिलेगा। विद्यार्थियों को तैयारी भी इसी आधार पर ही कराई जाएगी।