अलीगढ़ में एक साल में नहीं विकसित हो सके सीएफसी, उद्यमियों ने बनाई दूरी, जानिए वजह Aligarh news

सरकार की कड़ी शर्तों के चलते एक साल में जिले में कामन फैसलिटी सेंटर (सीएफसी) विकसित नहीं हो सके हैं। सबसे बड़ी चुनौती 25 उद्यमियों का समूह को बनाना है। इसके चलते प्रस्ताव भेजने वाले उद्यमी पीछे हट गए हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 06:04 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 08:22 AM (IST)
अलीगढ़ में एक साल में नहीं विकसित हो सके सीएफसी, उद्यमियों ने बनाई दूरी, जानिए वजह  Aligarh news
सरकार की कड़ी शर्तों के चलते एक साल में जिले में कामन फैसलिटी सेंटर विकसित नहीं हो सके हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। सरकार की कड़ी शर्तों के चलते एक साल में जिले में कामन फैसलिटी सेंटर (सीएफसी) विकसित नहीं हो सके हैं। सबसे बड़ी चुनौती 25 उद्यमियों का समूह को बनाना है। इसके चलते प्रस्ताव भेजने वाले उद्यमी पीछे हट गए हैं। जिला उद्योग केंद्र एवं प्रोत्साहन विभाग के जरिए भेजे गए करीब आधा दर्जन प्रस्ताव वापस ले लिए गए हैं।

जिले में छह काम फेसिलिटी सेंटर का निर्माण प्रस्‍तावित

योगी सरकार ने अलीगढ़ के पारंपरिक ताला-हार्डवेयर मैन्युफैक्चिंर यूनिटों को संसाधन उपलब्ध कराने के लिए जिले में छह कामन फैसलिटी सेंटर का निर्माण कराना प्रस्तावित है। इसके लिए करीब एक दर्जन उद्यमियों ने शासन को प्रस्ताव भेजे। लेकिन 25 उद्यमियों का समूह तैयार करना सबसे बड़ी जटिलता साबित हो रही है। एक ही राय के उद्यमियों के समूह को तैयार करना संभव नहीं। इस समूह में एक परिवार का एक सदस्य हो सकता है। पहले सात उद्यमी की शर्त थी, जो कि बाद में 11 कर दी गई और अब 25 कर दी गई है। बहुत से उद्यमियों के समूह तो 15 से ज्यादा उद्यमियों की संख्या पार नहीं कर पा रहे हैं। एक कामन फैसलिटी सेंटर के लिए अधिकतम 15 करोड़ रुपये का सरकार अनुदान देगी। जिसमें 10 फीसद पैसा समूह को लगाना होगा। साथ ही समूह की ओर से नान कृषि की दो हजार वर्ग मीटर जमीन की भी अनिवार्यता है। शहर के किसी भी हाइवे किनारे इतनी जमीन की कीमत डेढ़ करोड़ रुपये होती है। फैसलिटी सेंटरों में इलेक्ट्रो प्लेटिंग, हार्डवेयर पार्क, पीतल मूर्ति, ओडीओपी के उत्पादनों को तैयार करने वाले टूल रूम, मेटल टैस्टिंग लैब शामिल होते हैं।

इनका कहना है

पिछले एक साल से उद्यमियों का समूह की तलाश है। कई उद्यमियों ने प्रपोजल भेजे थे। समूह में उद्यमियों की बड़ी संख्या के चलते पीछे हट गए। अभी अन्य कई प्रस्ताव विचाराधीन हैं।

- श्रीनाथ पासवान, उपायुक्त उद्योग

सीएफसी के लिए हमने एक समूह का गठन किया था। दी शक्ति इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से प्रपोजल तैयार किया था। एक ही सोच के उद्यमियों के समूह को तैयार करना संभव नहीं हैं। इस तरह के समूह में पांच उद्यमियों से अधिक शामिल नहीं होता।

- गौरव मित्तल, उद्योगपति

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