अलीगढ़ में बीडीओ, लेखपाल, पंचायत सचिव व प्रधान समेत पांच पर मुकदमा

खेत से जबरन चकरोड निकालकर धान की फसल बर्बाद करने का आरोप कोर्ट के आदेश पर जवां थाने में रिपोर्ट दर्ज छेरत-सुढि़याल का मामला।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 02:18 AM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 02:18 AM (IST)
अलीगढ़ में बीडीओ, लेखपाल, पंचायत सचिव व प्रधान समेत पांच पर मुकदमा
अलीगढ़ में बीडीओ, लेखपाल, पंचायत सचिव व प्रधान समेत पांच पर मुकदमा

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : जवां बीडीओ, हल्का लेखपाल, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम प्रधान व मनरेगा सचिव के खिलाफ के जवां थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। इन पर गांव छेरत-सुढि़याल में खेत से होकर जबरन चकरोड डलवाने व धान की खड़ी फसल को बर्बाद करने का आरोप है। इन पर मामला दर्ज करने के लिए सीजेएम कोर्ट ने आदेश दिया है।

अनूपशहर (बुलंदशहर) के मोहल्ला मदारगेट निवासी रईस अहमद का छेरत -सुढि़याल में गाटा संख्या 825 में खेत है। रईस अहमद का आरोप है कि हल्का लेखपाल अशोक चौहान, मनरेगा सचिव व कार्यक्रम अधिकारी राजवीर सिंह, खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) जवां अरविद दुबे, ग्राम प्रधान रमा चौहान, पंचायत सेक्रेटरी सोमेंद्र सिंह ने जानबूझकर व धोखाधड़ी कर उनके खेत में धान की फसल बर्बाद कर जबरन चकरोड डलवा दी । इसकी जानकारी उन्हें 12 फरवरी 2020 को उस समय हुई, जब उन्होंने खेत की पैमाइश कराई। रईस अहमद का कहना है कि चकरोड गाटा संख्या 175 में पड़ना था, जिसे आरोपितों ने जालसाजी कर उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाते हुए खेत में खड़ी धान की फसल को बर्बाद कर निकाल दिया । लोकसेवक होते हुए भी उन्होंने अपने कार्य में लापरवाही बरती और सरकारी खजाने के 91 हजार रुपये का दुरुपयोग कर राजस्व को नुकसान पहुंचाया।

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अपनी सफाई में ये बोले

बीडीओ जवां अरविद दुबे, ग्राम प्रधान रमा चौहान व पंचायत सेक्रेटरी सोमेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें जमीन की जानकारी नहीं थी। लेखपाल, कानूनगो ने जो जमीन चिह्नित कर बताई थी उसी पर नियमानुसार ग्राम पंचायत का प्रस्ताव पारित कराकर चकरोड डलवाया गया है। हल्का लेखपाल अशोक चौहान का कहना है कि बंजर जमीन से ही चकरोड निकलवाया गया था। रईश अहमद की जमीन में धान नहीं थे। राजस्व अभिलेखों में खेत बंजर के रूप में दर्ज है ।

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कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। राजस्व अभिलेखों का परीक्षण व जांच में मिलने वाले तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

अनिल समानिया, सीओ सिविल लाइन

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